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लखनऊ : अनूप चौधरी को अयोध्या काशी में प्रोटोकॉल मिलने पर शासन नाराज

प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने सभी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीएम और जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं की रोकथाम के निर्देश दिए हैं।

खुद को रेलवे बोर्ड का सदस्य और कई मंत्रालयों का सलाहकार बताकर जालसाज द्वारा प्रोटोकॉल की सुविधा लेने के मामले पर शासन ने कड़ी नाराजगी जताई है। प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने सभी मंडलायुक्त, पुलिस कमिश्नर, एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीएम और जिलों के पुलिस कप्तानों को पत्र लिखकर ऐसी घटनाओं की रोकथाम के निर्देश दिए हैं।

प्रमुख सचिव ने निर्देश दिए कि कि प्रोटोकॉल संबंधी पत्रों का बिना परीक्षण किए शिष्टाचार एवं सुरक्षा संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराने से शासन की छवि धूमिल होती है। कूटरचित भ्रमण कार्यक्रमों की बदौलत सुविधाएं देने के कई मामले सामने आए हैं, जो एक विषम एवं आपत्तिजनक स्थिति है। लिहाजा यह परीक्षण कर लिया जाए कि भ्रमण कार्यक्रम जारी करने वाले प्राधिकारी एवं फैक्स, ई-मेल आईडी का स्रोत क्या है। वह उप्र शासन द्वारा श्रेणीबद्ध संरक्षित महानुभाव है कि नहीं।

शासन द्वारा ऐसे महानुभावों की सूची समय-समय पर सुरक्षा विभाग द्वारा समस्त जोन, रेंज और जिलों को उपलब्ध करायी जाती है, जिससे महानुभाव के नाम का मिलान कर लिया जाये। नाम नहीं मिलने पर इस बारे में सुरक्षा विभाग के कंट्रोल रूम से जानकारी प्राप्त की जाए। यदि ऐसे व्यक्ति द्वारा दूरभाष के माध्यम से अथवा भौतिक रूप से सुरक्षा प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है, तो उससे स्पष्ट रूप से पूछा जाए कि उनको कहां से सुरक्षा प्राप्त है। जिस इकाई एवं संस्था से सुरक्षा प्राप्त है, उनके द्वारा सूचना उपलब्ध कराने का आग्रह किया जाए। अधिकृत सूचना मिलने पर ही प्रोटोकॉल और सुरक्षा मुहैया करायी जाए।

चार राज्यों में ले रहा था प्रोटोकॉल की सुविधा
अनूप चौधरी की जांच में सामने आया है कि वह यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और उत्तराखंड में भी वर्ष 2020 से प्रोटोकॉल की सुविधा ले रहा था। अयोध्या और काशी में तो वह कई बार भ्रमण कर चुका है, इस दौरान उसके इर्द-गिर्द आधा दर्जन सुरक्षाकर्मी रहते थे। वहीं छत्तीसगढ़ जाने पर उसे सीआरपीएफ का सुरक्षा कवर मिलता था। फर्जी प्रोटोकॉल की बदौलत वह तमाम राज्यपाल, मुख्यमंत्री और मंत्रियों से आसानी से मुलाकात कर लेता था।