लखनऊ विश्वविद्यालय के 103 वर्षों के इतिहास में पहली बार हुआ है जब यहां के एक पुरुष छात्रावास का प्रोवोस्ट एक महिला शिक्षक को बनाया गया है। इसे एक अभूतपूर्व पहल बताकर सराहना की गई है।
लखनऊ विश्वविद्यालय में पहली बार किसी महिला शिक्षक को ब्वाॅयज हॉस्टल का प्रोवोस्ट बनाया गया है। विवि के 103 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। लविवि के नवीन परिसर स्थित होमी जहांगीर भाभा छात्रावास की नव नियुक्त प्रोवोस्ट डॉ. अर्चना सिंह ने कार्यभार ग्रहण कर लिया। उनके साथ ओपी सिंह व डॉ. शैलेंद्र सोनकर को सहायक प्रोवोस्ट की जिम्मेदारी दी गई है।
प्रोवोस्ट के चार्ज लेते समय अतिरिक्त डीएसडब्ल्यू डॉ. अभिषेक तिवारी, आइक्यूएसी सदस्य असिस्टेंट प्रो. डॉ. मृणालिनी सिंह, डॉ. अभिषेक तिवारी व अन्य शिक्षक मौजूद रहे। वहीं होमी जहांगीर भाभा छात्रावास के स्टूडेंट्स ने नई प्रोवोस्ट और सहायक प्रोवोस्ट का स्वागत किया।
विवादों में आने के बाद हटाए गए प्रोवोस्ट
होमी जहांगीर भाभा छात्रावास के प्रोवोस्ट रहे डॉ. राधेश्याम सिंह को विवादों में होने के चलते जिम्मेदारी से हटा दिया गया। बीते दिनों छात्रों ने उन पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उन्हें हटाने की मांग को लेकर छात्र भूख हड़ताल पर भी बैठ गए थे। काफी समझाने के बाद छात्रों ने हड़ताल समाप्त की थी।
एक अभूतपूर्व पहल: लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव का कहना है कि पुरुष छात्रावास की कमान महिला शिक्षक को देकर एक अभूतपूर्व पहल हुई है। इससे छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को नई तरह से सोचने का मौका मिलेगा।
इन पदों पर महिलाएं पूर्व में संभाल चुकी हैं जिम्मेदारी
लखनऊ विश्वविद्यालय में कुलपति से लेकर कुलानुशासक तक के बड़े प्रशासनिक पदों पर महिलाएं जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं। इसके साथ ही रजिस्ट्रार, डीन एकेडमिक्स, डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर जैसे पदों पर भी सेवाएं दे चुकी हैं। वर्तमान में अधिष्ठाता छात्र कल्याण पद पर प्रो. संगीता साहू तो डीन अकादमिक पद पर प्रो. गीतांजलि मिश्रा तैनात हैं। पूर्व में इन दोनों पदों पर रह चुकी विवि की शिक्षक प्रो. पूनम टंडन वर्तमान में गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति हैं। विश्वविद्यालय की पहली महिला कुलपति प्रोफेसर रूप रेखा वर्मा के कार्य आज भी नजीर हैं। उनके समय में ही यहां पहली बार फार्म में माता का नाम लिखने का कॉलन शुरू हुआ था।