कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची सिंकदराबाद-पटना, श्रमजीवी एक्सप्रेस, कोटा-पटना, ताप्ती गंगा ट्रेनों में यात्री शौचालय और गेट के पायदान के पास सफर करते दिखे। जनरल कोच में भीड़ का आलम यह था कि लोग आपातकालीन खिड़की से अंदर जा रहे थे।
छठ पर्व के दौरान महानगरों से बिहार-झारखंड जाने वाली ट्रेनों में जबरदस्त भीड़ है। जनरल कोच छोड़िये स्लीपर और वातानुकूलित कोच तक में पैर रखने की जगह नहीं है। सीटों के बीच फर्श पर यात्री सफर कर रहे हैं। शुक्रवार को कैंट रेलवे स्टेशन पर पहुंची सिंकदराबाद-पटना, श्रमजीवी एक्सप्रेस, कोटा-पटना, ताप्ती गंगा ट्रेनों में यात्री शौचालय और गेट के पायदान के पास सफर करते दिखे। जनरल कोच में भीड़ का आलम यह था कि लोग आपातकालीन खिड़की से अंदर जा रहे थे। मुंबई, सूरत, गुजरात, अहमदाबाद, पंजाब से बिहार-झारखंड जाने वाली ट्रेनों में सीटें नहीं है। स्पेशल ट्रेनें भी फुल हैं। रविवार के बाद स्थिति सामान्य होगी। भीड़ की वजह से ट्रेनों में साफ-सफाई नहीं हो पा रही है। कोच ठसाठस भरे होने के चलते दस से 12 घंटे तक कोच में सफाई कर्मी प्रवेश नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में गंदगी के बीच अन्य यात्रियों को सफर करना पड़ रहा है। शौचालय और कोच के बेसिन का पानी खत्म हो जा रहा है। कई यात्री एक्स पर रेलवे बोर्ड से शिकायत कर रहे हैं।
15 अवैध वेंडर, तीन को धूम्रपान में पकड़ा
नई दिल्ली-दरभंगा ट्रेन में आगजनी के बाद पूर्वोत्तर रेलवे सतर्क है। लंबी दूरी की ट्रेनों में ज्वलनशील पदार्थों की जांच की जा रही है। प्रमुख स्टेशनों और महत्वपूर्ण ट्रेनों में छह स्निफर डॉग स्कॉड लगाए गए हैं। आग सुरक्षा के लिए वाराणसी मंडल पर 36 कर्मचारियों को तैनात किया गया है, जो अब तक 12 ड्राइव चलाकर प्रमुख स्टेशनों व ट्रेनों में ज्वलनशील, विस्फोटक पदार्थों को पकड़ चुके हैं। 15 अवैध वेंडर, तीन यात्रियों को अनुचित स्थान पर धूम्रपान और एक यात्री को एलपीजी गैस सिलिंडर के साथ पकड़ा गया। आरपीएफ के 65 जवानों को लगाकर प्रतिदिन 60 ट्रेनों में एस्कॉर्टिंग कराई जा रही है। मंडल रेल प्रबंधक विनीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि पकड़े जाने पर 1000 तक जुर्माना या तीन साल तक की कैद या दोनों का प्रावधान हो सकता है। ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा न करें।