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लखनऊ: पूर्वांचल में नक्सली नेटवर्क की जांच NIA के हवाले, पढ़े पूरी ख़बर

एनआईए ने बीती 16 अगस्त को बलिया में हथियारों के साथ यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गये पांच नक्सलियों पर दर्ज मुकदमे को टेकओवर किया है।

पूर्वांचल में नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता के पुख्ता प्रमाण मिलने के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसी (एनआईए) ने जांच शुरू कर दी है। एनआईए ने बीती 16 अगस्त को बलिया में हथियारों के साथ यूपी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किये गये पांच नक्सलियों पर दर्ज मुकदमे को टेकओवर किया है। राजधानी स्थित एनआईए के थाने में इस संबंध में नया केस दर्ज कर डीआईजी के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गयी है। बता दें कि इस नेटवर्क के तार वाराणसी, प्रयागराज, देवरिया, चंदौली, आजमगढ़ समेत कई शहरों से जुड़ने के बाद एनआईए ने 5 सितंबर को छापा मारकर अहम सुबूत भी जुटाए थे।

बताते चलें कि यूपी एटीएस ने 16 अगस्त को बलिया में गोपनीय बैठक कर रहे पांच नक्सलियों तारा देवी, लल्लू राम, सत्य प्रकाश, राममूरत और विनोद साहनी को गिरफ्तार किया था। उनके पास से नाइन एमएम की पिस्टल, कारतूस, सात मोबाइल, लैपटॉप, प्रतिबंधित संगठन का नक्सली साहित्य, पम्पलेट और दस हजार रुपये बरामद हुए थे। एटीएस ने इनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था, जिसे अब एनआईए ने टेकओवर कर लिया है।

एटीएस की जांच में सामने आया था कि सीपीआई (माओवादी) नक्सली संगठन की केंद्रीय कमेटी के प्रमोद मिश्रा उर्फ बुढऊ उर्फ बन बिहारी उर्फ डाॅक्टर साहब ने पूर्वांचल में एडहॉक कमेटी बनाई थी। संगठन के सचिव बलिया निवासी संतोष वर्मा उर्फ मंतोष के जरिए लगाता पूर्वांचल के कई जिलों में महिलाओं और पुरुषों की भर्ती की जा रही थी। साथ ही, पूर्वांचल में किसी सरकार विरोधी आंदोलन को चुनकर उसको सशस्त्र आंदोलन में बदलने की साजिश रची जा रही थी। इसके लिए जंगल में हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था।

कई राज्यों से जुड़े हैं तार
एटीएस द्वारा गिरफ्तार तारा देवी उर्फ मंजू उर्फ मनीषा 18 साल से नक्सली घटनाओं में शामिल रही है। वह नए सक्रिय सदस्यों की भर्ती के लिए नक्सल के एमओ (मास आर्गनाइजेशन) एवं मुखौटा संगठनों के साथियों के साथ मिलकर काम कर रही थी। पुराने भूमिगत सदस्यों के साथ नए लोगों की भर्ती कर रही थी। उनका उद्देश्य भारत सरकार के खिलाफ नक्सली विचारधारा के लोगों को जुटाकर सशस्त्र विद्रोह के जरिए सरकारी व्यवस्था को उखाड़ना था। वह नक्सलियों की सरकार स्थापित करने के लिए अपनी पार्टी भाकपा (माओवादी) के लिए चंदा व लेवी वसूलने व हथियार जमा कर रही थी।

नक्सलियों के थे खतरनाक मंसूबे
गिरफ्तार नक्सलियों के मंसूबे बेहद खतरनाक थे। केंद्रीय कमेटी के नेताओं के इशारे पर वह बलिया, आजमगढ़, वाराणसी और चंदौली को केंद्र बनाकर यूपी में नक्सली गतिविधियां बढ़ा रहे थे। यूपी के बलिया, मिर्जापुर, गाजीपुर, आजमगढ़, वाराणसी, चंदौली के अलावा बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ के तमाम जिलों में नक्सली गतिविधियों को विस्तार देते हुए भाकपा (माओवादी) का शासन स्थापित करने की साजिश रची जा रही थी। उनके पास से बरामद डायरी में बीते दिनों एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों के नाम और संगठन को होने वाली फंडिंग का ब्योरा भी मिला था।

बड़ी साजिश के सुराग मिलने पर नक्सलियों के खिलाफ दो मुकदमे
यूपी के पूर्वांचल के तमाम जिलों में नक्सलियों की बढ़ती सक्रियता और उनके खतरनाक मंसूबों का पता लगने के बाद एनआईए ने पांच सितंबर को वाराणसी, प्रयागराज, चंदौली, देवरिया, आजमगढ़ समेत कई जिलों में छापा मारा था। इस दौरान तमाम संदिग्ध दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, डायरी, आदि मिलने के बाद एनआईए ने लखनऊ स्थित अपने थाने पर मुकदमा दर्ज किया था। जांच में नक्सली नेटवर्क के तार बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से भी जुड़े होने के प्रमाण मिले थे।

एनआईए की जांच में सामने आया था कि बिहार की जेल में बंद प्रमोद मिश्रा पूर्वांचल में नक्सली संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए सीपीआई (माओवादी) कैडर तथा ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यूएस) का नेतृत्व कर रहा था। कोर कमेटी द्वारा प्रमोद मिश्रा को पूर्वांचल के कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंग को संगठित कर भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का काम सौंपा गया था।

इस मामले में एनआईए द्वारा दर्ज की गई पहली एफआईआर में आरोपी मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी और उनके सहयोगियों विश्वविजय, सीमा आजाद पत्नी विश्वविजय, अमिता शिरीन को नामजद किया गया था। जांच में सामने आया था कि मनीष आजाद, कृपा शंकर, सोनी आजाद, रितेश विद्यार्थी, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद आदि सीपीआई (माओवादी) संगठन को पूर्वांचल में जिंदा करने का प्रयास कर रहे हैं।

एनआईए ने भगत सिंह छात्र मोर्चा की बीएचयू से जुड़ी दो छात्राओं आकांक्षा आजाद और सिद्धि से भी पूछताछ की थी। दोनों के कमरे से एक मोबाइल, दो लैपटॉप, पत्रिकाएं और कागजात जब्त किए थे।

आकांक्षा आजाद से एनआईए ने लखनऊ में भी पूछताछ की थी। वहीं बिहार पुलिस ने इस संगठन से जुड़ी एक अवैध शस्त्र फैक्ट्री पर छापा मारकर तमाम हथियार बरामद किए थे, जिनका इस्तेमाल यूपी और बिहार में होना था। वहीं बलिया में गिरफ्तार नक्सलियों के तार भी प्रमोद मिश्रा से जुड़े होने की वजह से एनआईए ने एटीएस द्वारा दर्ज मुकदमे को भी टेकओवर कर लिया है।