मोहम्मद शमी ने कहा कि पहले क्षेत्र में सुविधाएं नहीं थीं। अभ्यास के लिए मुझे 25 किलोमीटर दूर साइकिल से जाना पड़ता था। आज सरकार ने हमारे गांव को मिनी स्टेडियम की सौगात दी है। मैं भी हमेशा से चाहता था कि यहां कोई बड़ी एकेडमी या स्टेडियम हो जो युवाओं को तैयार करे।
अब आप अमरोहा नहीं बल्कि भारतीय क्रिकेट का बड़ा नाम बन चुके हैं। इस क्षेत्र से निकलकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाने के लिए आपने मेहनत की है, यहां के लोगों ने आपको स्नेह दिया है। अब आप यहां के युवाओं के लिए क्या करेंगे। इसके जवाब में भारतीय तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी ने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल इन तीनों क्षेत्रों में मैं हर संभव मदद के लिए तैयार हूं। यदि किसी सरकारी विभाग, एनजीओ या अन्य माध्यम के साथ मिलकर काम करना पड़े तो भी मैं तैयार हूं।
अमरोहा के युवाओं को जरूरत है कि वे अपनी प्रतिभा को पहचाने और देश का नाम रोशन करें। शमी इन दिनों अपने गांव अमरोहा के सहसपुर अलीनगर में हैं। विश्वकप के बाद वह अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। बृहस्पतिवार को वह अपने फार्म हाउस पर गांव के कुछ युवाओं से भी मिले।
बातचीत में उन्होंने कहा कि पहले क्षेत्र में सुविधाएं नहीं थीं। अभ्यास के लिए मुझे 25 किलोमीटर दूर साइकिल से जाना पड़ता था। आज सरकार ने हमारे गांव को मिनी स्टेडियम की सौगात दी है। मैं भी हमेशा से चाहता था कि यहां कोई बड़ी एकेडमी या स्टेडियम हो जो युवाओं को तैयार करे। बच्चों के लिए किसी खास कोच का इंतजाम हो, अब सरकार ने मौका दिया है तो युवाओं को इससे भुनाना चाहिए।
स्टेडियम बनेगा तो मैं भी बच्चों को दूंगा प्रशिक्षण
मोहम्मद शमी ने कहा कि गांव में स्टेडियम बन जाएगा तो मैं भी मौका मिलने पर बच्चों को प्रशिक्षण दिया करूंगा। अब घर आया हूं लेकिन बहुत अधिक समय नहीं है, फिर भी कोशिश करूंगा कि गांव के उन युवाओं से मिलूं जो क्रिकेट में रुचि रखते हैं। आगे बढ़ना चाहते हैं, यदि संसाधनों का अभाव है तो अपनी ओर से मदद के लिए भी तैयार हूं। मैंने जिन कठिनाइयों का सामना किया, वो प्रतिभावान युवाओं को न देखनी पड़ें। इसके लिए जो भी मदद की जा सकती है, मैं तैयार हूं। वह युवाओं को यह निर्णय लेना होगा कि हमें किस तरफ जाना है।
पनौती शब्द को राजनीतिक मुद्दा कहकर टाल गए शमी
हाल ही में राहुल गांधी द्वारा दिए गए पनौती वाले बयान को लेकर शमी से पूछा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष का कहना है कि टीम इंडिया एक पनौती के कारण मैच हार गई। शमी ने इस बात को राजनीतिक मुद्दा कहकर टाल दिया। उनका कहना था कि राजनीतिक लोग क्या बात करते हैं, इससे खेल का कोई मतलब नहीं है। साथ ही उन्होंने कहा कि पीएम ने हमारा हौसला बढ़ाया, इससे हमें काफी हिम्मत मिली। वह क्षण हमारे लिए अविस्मरणीय था। इतनी बड़ी शख्सियत का ड्रेसिंग रूम में पहुंचकर खिलाड़ियों से बात करना अच्छा लगा।