छत्तीसगढ़ का पहला ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट (IDTR) बनकर तैयार है। नवा रायपुर के तेंदुआ गांव स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च सेंटर में आधुनिक उपकरण लगाएं गए हैं। कैमरा व सेंसर युक्त इस ट्रैक में निर्धारित मापदंडों व समय के बीच ड्राइविंग टेस्ट पास करने पर ही लाइसेंस बन पाएगा।
छत्तीसगढ़ में वाहन लाइसेंस के लिए इसे अनिवार्य नहीं किया गया है, लेकिन दिल्ली की तर्ज पर काफी जल्दी लाइसेंस बनवाने के पहले लोगों को यहां परीक्षा पास करनी पड़ सकती है। अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है।
ट्रैक की विशेषता
इस ट्रैक की विशेषता यह है कि यहां सड़कों के दोनों ओर सेंसर लगे हुए हैं। साथ ही गाड़ी के भीतर मोबाइल पर एप्लीकेशन की मदद से वाहन चालक के हाव-भाव पर भी नजर रखी जाती है। गाड़ी ट्रैक से थोड़ी से भी इधर-उधर हुई तो सेंसर इसे पकड़ लेता है।
अधिकारियों के मुताबिक यह ट्रैक राष्ट्रीय यातायात नियमों के मापदंडों के अनुरूप तैयार किया गया है। इस ट्रैक पर परीक्षा पास करने वाले वाहन चालकों में यातायात नियमों के पालन करने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है।
20 एकड़ में तैयार है ड्राइविंग ट्रैक
परिवहन विभाग ने तेंदुआ गांव में 20 एकड़ क्षेत्रफल में यह ट्रैक तैयार किया है। वर्ष 2023 में 2022 के मुकाबले ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुई है। प्रदेशभर में वर्ष 2023 में कुल 5834 लोगों को सड़क हादसे में जान गंवानी पड़ी, जिसमें 5126 पुरुष व 708 महिलाएं शामिल हैं। यातायात व परिवहन विभाग ने यातायात जागरूकता के लिए 15 जनवरी से एक महीने तक यातायात जागरूकता सप्ताह मनाने का निर्णय लिया है, जिसमें प्रदेशभर में कई कार्यक्रम किए जाएंगे।
साल-दर-साल ब्लैक स्पाट व पूर्णता की स्थिति
वर्ष-कुल चिन्हित ब्लैक स्पाट-कार्य पूर्ण-अपूर्ण-निर्माण एजेंसी
2019-279-263-16-एनएचएआइ-16
2020-130-122-08-एनएचएआइ-08
2021-114-108-06-एनएचएआइ-5,01
2022-104-93-11-एनएचएआइ-06,02,पीडब्ल्यूडी-03
2023-118-51-67-एनएचएआइ-46,15,पीडब्ल्यूडी-06
कुल ब्लैक स्पाट-745-637-108
108 अपूर्ण ब्लैक स्पॉट से खतरा
प्रदेशभर के अलग-अलग जिलों में 108 अपूर्ण ब्लैक स्पाट चिंता का विषय बना हुआ है। यातायात विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेशभर में साल-दर-साल नए ब्लैक स्पाट बनते जा रहे हैं। नई सड़क निर्माण के बाद कई स्थानों पर शार्टकट के चक्कर में भी दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं।