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पंजाब: संगरूर कोर्ट ने मंत्री अरोड़ा की सजा पर लगाई रोक

पंजाब के मंत्री अमन अरोड़ा को 21 दिसंबर 2023 को दोषी करार दिया गया था। इसके बाद उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य बताते हुए अमृतसर में ध्वजारोहण से रोकने का निर्देश जारी करने की मांग पर पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। संगरूर की निचली अदालत में उन्होंने सजा के खिलाफ अपील की थी।

पंजाब के कैबिनेट मंत्री अमन अरोड़ा को संगरूर जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें 15 साल पुराने पारिवारिक मामले में हुई दो साल की सजा पर रोक लगा दी है। ऐसे में साफ हो गया है कि अब अमन अरोड़ा 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर अमृतसर में तिरंगा फहरा पाएंगे।

बुधवार को अरोड़ा से जुडे़ केस की करीब आठ घंटे तक सुनवाई संगरूर जिला अदालत में चली थी। अदालत में सुबह 10 बजे से लगातार शाम 7 बजे तक सुनवाई चलती रही। शाम होने के चलते अदालत ने फैसला गुरुवार तक के लिए रिजर्व रख लिया था।

वहीं इस पर अरोड़ा ने कहा कि उन्हें देश की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। उन्होंने राहत के लिए भगवान तथा अपने शुभचिंतकों के प्रति आभार जताया है।

इससे पहले गुरुवार सुबह अरोड़ा के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका का हाईकोर्ट ने निपटारा कर दिया था। अरोड़ा के एडवोकेट सरतेज नरूला ने हाईकोर्ट को आश्वासन दिया कि अगर आज संगरूर की सेशन कोर्ट अमन अरोड़ा की सजा पर रोक नहीं लगाती है तो वह कल गणतंत्र दिवस पर तिरंगा नहीं फहराएंगे। इसी आश्वासन पर हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा कर दिया। आज संगरूर की सेशन कोर्ट अमन अरोड़ा की सजा के खिलाफ अपील पर फैसला सुनाएगी।

याचिका दाखिल करते हुए संगरूर निवासी अनिल कुमार तायल ने हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट 2013 में अपने आदेश में यह स्पष्ट कर चुका है कि यदि कोई अदालत द्वारा किसी जन प्रतिनिधि को दो वर्ष या अधिक के लिए सजा सुनाती है तो जनप्रतिनिधि एक्ट के अनुसार वह अयोग्य माना जाएगा। संगरूर की अदालत ने मंत्री अमन अरोड़ा को आईपीसी की विभिन्न धाराओं में दोषी मानते हुए 21 दिसंबर, 2023 को दो वर्ष की सजा सुनाई थी।

याची ने कहा कि सजा सुनाते ही उन्हें अयोग्य करार दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। याची ने 26 दिसंबर को इस संबंध में मांगपत्र भी दिया था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ। 5 जनवरी को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री व विधानसभा को पत्र लिखकर इस बारे में कार्रवाई को कहा था, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ।

याची ने बताया कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में ध्वजारोहण के लिए सूची जारी की गई है। इसके अनुसार मंत्री अमन अरोड़ा को अमृतसर में ध्वजारोहण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जो व्यक्ति अयोग्य हो चुका हो उसे इस प्रकार की जिम्मेदारी देने से लोगों के बीच सरकार के प्रति गलत संदेश जाएगा। ऐसे में हाईकोर्ट से अपील की गई कि अमन अरोड़ा को ध्वजारोहण से रोका जाए।