नई दिल्ली 11 जून।रेलमंत्री पीयूष गोयल ने सुरक्षा से संबंधित कार्यों के लिए पैसे की कमी से इंकार करते हुए कहा है कि रेलवे के विकास और आधुनिकीकरण के लिए बड़े पैमाने पर निवेश किया गया है।
श्री गोयल ने आज यहां अपने मंत्रालय की चार वर्ष की उपलब्धियों के बारे जानकारी देते हुए कहा कि एक लाख करोड़ रूपये की लागत से राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष बनाया गया है, ताकि सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए और अधिक धनराशि उपलब्ध कराई जा सके।
उन्होने कहा कि..सेफ्टी के लिए बहुत बड़े पैमाने पे एक रेल सुरक्षा कोष मान्य प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के समय में शुरू हुआ।उसके बाद दस वर्ष तक इसमें अधिक खर्चा न होने के कारण कई ऐसी सुरक्षा से संबंधित चीजें जो अनिवार्य थी उसपे काम नहीं किया गया। हमने उस सब को बल दिया है और उसका सदुपयोग करके टेक्नॉलोजी से जोड़ा जा रहा है हमारी मेंनटेनेंस वर्कशॉप्स को..।
उन्होने बताया कि 2013-14 के दौरान 118 रेल दुर्घटनाएं हुईं, जबकि 2017-18 में इनमें 62 प्रतिशत की कमी आई है इस अवसर पर रेलमंत्री ने रेल मदद और मेन्यू ऑन रेल्स नाम के दो मोबाइल एप भी जारी किये। रेलमंत्री ने, जिनके पास कोयला मंत्रालय का अतिरिक्त कार्यभार भी है, कहा है कि पिछले चार वर्ष में कोयले का उत्पादन 10 करोड़ पचास लाख टन बढ़ गया है। श्री गोयल ने कहा कि कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी से देश में सबको उचित दर पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री की परिकल्पना को साकार करने में मदद मिलेगी।
श्री गोयल ने कहा कि एक सौ पांच मिलियन टन कोयले के उत्पादन में वृद्धि हुई है। कोयल का डिस्पैच अप्रैल मई में 13-14 प्रतिशत बढ़ा है और हम इस तेज गति को पूरे वर्षभर चलाने के लिए पूरे तरीके से प्रतिबद्ध हैं। कोयले में प्रोडक्शन बढ़ाना, नई वॉशरीज लगाके पर्यावरण की चिंता करना, ट्रांसपेरेंसी लाना।