देश के किसानों के आंदोलन को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हम किसानों के साथ है। जब छत्तीसगढ़ में 3100 रुपये दिया जा सकता है, तो देश के किसानों के लिए एमएसपी क्यों नहीं मिलना चाहिए? एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं होना चाहिए?
देश के किसानों के आंदोलन को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि हम किसानों के साथ है। छत्तीसगढ़ में धान की भारतीय जनता पार्टी ने 3100 रुपये की घोषणा की है। जब छत्तीसगढ़ में 3100 रुपये दिया जा सकता है, तो देश के किसानों के लिए एमएसपी क्यों नहीं मिलना चाहिए? एमएसपी की गारंटी क्यों नहीं होना चाहिए? उसके लिए किसानों को आंदोलन की आवश्यकता क्यों पड़ रही है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार 5 साल पहले छत्तीसगढ़ के किसानों को 2500 रुपये देने का वादा किया था। हमने 5 साल पूरा 2500 रुपये बल्कि उससे बढ़कर 2600 रुपये दिया। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार ने कर दिखाया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब भारतीय जनता पार्टी एक राज्य में 3100 रुपये देने की घोषणा की है। इसे बजट में भी शामिल किया है। भले ही मिला है या नहीं मिला है। अलग बात है लेकिन बजट में शामिल तो है।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 3100 रुपये दे रहे हैं। समर्थन मूल्य से ज्यादा दे रहे हैं। पूरे देश में क्यों नहीं मिलना चाहिए? किसान आंदोलन कर रहे हैं तो पूरी समर्थन हम लोगों का है। पूरे देश की किसानों को 3100 रुपये धान की कीमत मिलनी चाहिए। इस प्रकार से दूसरे और भी उत्पाद हैं। उसका भी समर्थन मूल्य होना चाहिए।
पूर्व सीएम ने कहा कि कल अंबिकापुर में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की। जितने भी उत्पाद हैं उसको एमएसपी से खरीदी करेंगे। भाजपा के पास अब तो कुछ बचता नहीं है। क्योंकि एक राज्य में दे रही है, बाकी राज्यों में नहीं अलग-अलग कैसे हो सकता है।
अनुराग अनुराग ठाकुर के कांग्रेस एमएसपी असफल की बात पर पूर्व सीएम बघेल पलटवार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ ही उदाहरण है। हम 2500 रुपए बोले से उसे 2640 रुपए में खरीदी किए हैं और एमएसपी शुरू करने के काम कांग्रेस पार्टी ने किया है। दूसरे सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी में पहली बार के विधायक, मंत्री और उपमुख्यमंत्री बने हैं। नियम की जानकारी भी नहीं है धीरे-धीरे सीख जाएंगे कोई बात नहीं है, लेकिन अभी लगातार घेरते भी जा रहे हैं और मंत्री घोषणा भी करते जा रहे हैं। पूरे प्रदेश में किसानों की राशि का भुगतान नहीं हुआ है। बैंक में लिमिट कर दिया गया है। किसान अपना ही पैसा नहीं निकल पा रहे हैं। दरबार लगेगा तो मंत्रियों को यह जानकारी होगी।