नई दिल्ली 24जून। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वस्तु और सेवा कर(जीएसटी) सहकारी संघवाद का एक उत्तम उदाहरण है, जहां सभी राज्यों ने राष्ट्र के हित में सर्वसम्मति से निर्णय लेने का फैसला किया।
श्री मोदी ने आकाशवाणी से मन की बात कार्यक्रम में आज बताया कि यह गर्व का विषय है कि जीएसटी परिषद की 27 बैठकों में लिए गए सभी निर्णय सर्वसम्मति से किए गए हैं।श्री मोदी ने कहा कि जनशक्ति के बल पर ही जीएसटी की सफलता सुनिश्चित की जा सकी। उन्होंने कहा कि ईमानदार लोगों के उत्साह के कारण ही नई कर प्रणाली एक साल के अंदर ही देश में अपनी जगह बना सकी है।
उन्होने कहा कि.. देश के ईमानदार लोगों का उत्साह, देश की ईमानदारी का उत्सव जन शक्ति की भागीदारी का नतीजा है कि एक साल के भीतर-भीतर बहुत एक मात्रा में ये नई कर प्रणाली अपनी जगह बना चुकी है,स्थिरता प्राप्त कर चुकी है और आवश्यकता के अनुसार अपनी इन्बिल्ट व्यवस्था के द्वारा वो सुधार भी करती रहती है।ये अपने आप में एक बहुत बड़ी सफलता सवा सौ करोड़ देशवासियों ने अर्जित की है।
प्रधानमंत्री ने सामाजिक बुराइयों को दूर करने और मानवता को बढ़ावा देने में भारत के संतों के महान योगदान का स्मरण किया। उन्होंने संत कबीर का उल्लेख करते हुए कहा कि 28 जून को वे उत्तर प्रदेश के मगहर में संत कबीर के समाधि स्थल का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कबीर ने अंधविश्वासों और सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए अथक रूप से काम करते हुए शांति और सद्भाव का संदेश दिया।