बीजापुर में देर रात सरकारी आवासीय गर्ल्स पोर्टा केबिन में भीषण आग लग गई। वहां मौजूद 305 बच्चियों को रेस्क्यू किया गया। इस दौरान आग इतनी तेजी से फैली कि कुछ ही घंटों में पूरा पोर्टाकेबिन जलकर खाक हो गया। बताया जा रहा है कि इस घटना में एक बच्ची की मौत हो गई है।
मामले की जानकारी देते हुए ग्रामीणों ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी बच्चियों को अच्छी शिक्षा देने के लिए पोर्टाकेबिन का निर्माण किया गया था। जिसमें पहली से लेकर आठवीं तक कि बच्चियों को पढ़ाया जाता है। बीती रात को बीजापुर जिले के आवापल्ली थाना क्षेत्र के चिंताकोन्टा केबिन में करीब 305 बच्चियां सो रही थीं। अचानक से वहां आग लग गई। आग लगने से वहां हड़कंप मच गई, ग्रामीणों के साथ ही वहां की स्थानीय टीम ने बच्चियों को बचाने का काम शुरू कर दिया।
आग पर काबू पाने का काम शुरू किया गया और बच्चियों को बचाकर दूसरी जगह शिफ्ट किया गया। इसी कैंपस में एक चार साल की बच्ची लिप्सा भी चार दिनों से अपनी बुआ मंजुला के साथ वहां रुकी हुई थी, इस आगजनी में लिप्सा की मौत हो गई। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। वहीं, मामले की जानकारी लगने के बाद से आला अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंची है।
बीआरसी ने बताया कि आगजनी से पोर्टा केबिन में रखा एक महीने का बच्चों का राशन और ओढ़ने-बिछाने के कपड़े पूरी तरह से जलकर राख हो गए हैं। करीब 2 लाख रुपये का राशन वहां रखा हुआ था।
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