छत्तीसगढ़ में आज से पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया है। कुपोषण और एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से 9 मार्च से 23 मार्च तक पोषण पखवाड़ा आयोजित की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में आज से पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया है। कुपोषण और एनीमिया के स्तर में कमी लाने के उद्देश्य से 9 मार्च से 23 मार्च तक पोषण पखवाड़ा आयोजित की जाएगी। इस दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से जन समुदाय तक स्वास्थ्य,पोषण और स्वच्छता संबंधी जानकारी का प्रचार कर व्यवहार परिवर्तन का प्रयास किया जाएगा।
पोषण पखवाड़ा के तहत इस साल मुख्यतः तीन थीम पर आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। इनमें “पोषण भी पढ़ाई भी” थीम के तहत आंगनबाड़ी केन्द्र में शिक्षा चौपाल का आयोजन और विशेष रूप से ईसीसीई लर्निंग कॉर्नर को बढ़ावा दिया जाएगा। दूसरी थीम के तहत जनजाति, पारंपरिक, क्षेत्रीय और स्थानीय आहार प्रथाओं पर पोषण के प्रति संवेदनशीलता पर ध्यान केन्द्रित किया जाएगा। तीसरी थीम गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और शिशु एवं छोटे बच्चे के आहार संबंधी व्यवहार पर केन्द्रित है।
पोषण पखवाड़ा को स्वास्थ्य, पंचायत, शिक्षा जैसे कई विभागों के सहयोग से परिणाम मूलक बनाया जाएगा। प्रमुख पंचायतों एवं हाट-बाजारों में महिलाओं एवं बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य एवं देखभाल संबंधी उचित आदतों के विकास और सुधार के संबंध में प्रदर्शन करते हुए लोगों को जागरूक किया जाएगा। इस दौरान की जाने वाली सभी गतिविधियों को जन आंदोलन के डेश बोर्ड पोर्टल पर प्रतिदिन एन्ट्री भी किया जाएगा।
2018 से शुरू हुई पोषण अभियान
देशभर में वर्ष 2018 से पोषण अभियान का संचालन किया जा रहा है। व्यक्तिगत एवं समुदाय स्तर पर स्वास्थ्य एवं पोषण संबंधित व्यवहार परिवर्तन पोषण अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए हर साल मार्च एवं अप्रैल माह में पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जाता है।