इलाहाबाद 09अगस्त।इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के देवरिया में एक बालिका गृह में बालिकाओँ के यौन शोषण के आरोपों की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की निगरानी करने का निर्णय लिया है।
मुख्य न्यायाधीश डी. बी. भोसले और न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मीडिया में आई खबरों का संज्ञान लेते हुए जांच एंजेंसी से मामले से संबंधित सभी दस्तावेज पेश करने को कहा है। अदालत ने कहा कि ऐसा लगता है कि आश्रय गृह के मालिकों को राजनीतिक संरक्षण भी प्राप्त था।
उच्च न्यायालय ने आश्रय गृह से बचाई गई सभी लड़कियों के बयान पेश किये जाने के निर्देश देने के साथ ही सीबीआई और राज्य सरकार से यह भी पूछा कि क्या आश्रय गृह में और उसके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाये गये थे। खंडपीठ ने एक साल पहले ही ब्लैकलिस्ट किये जाने के बावजूद आश्रय गृह में लगातार लड़कियों को भेजे जाने के लिए पुलिस को भी फटकार लगाई। अदालत ने पुलिस को अब लापता 18 लड़कियों का जल्द पता लगाने के भी निर्देश दिये। इस मामले में अगली सुनवाई 13 अगस्त को होगी।
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