नई दिल्ली 12 सितम्बर।उच्चतम न्यायालय ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में नजरबंद पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की घर पर ही नजरबंदी की अवधि 17 सितम्बर तक बढ़ा दी है।
प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूति डी वाई चन्द्रचूड़ की खण्डपीठ ने इसी सिलसिले में इतिहासकार रोमिला थापर और चार अन्य लोगों की याचिका की सुनवाई भी 17 सितम्बर तक के लिए स्थगित कर दी।
पिछले साल 31 दिसंबर को यल्गार परिषद सम्मेलन के बाद भीमा कोरेगांव में भड़की हिंसा के सिलसिले में महाराष्ट्र पुलिस ने इस वर्ष 28 अगस्त को पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था।