
रायपुर, 11 दिसंबर। छत्तीसगढ़ के अमर शहीद वीर नारायण सिंह के 168वें शहादत दिवस के अवसर पर 10 दिसंबर को प्रदेशभर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। राजधानी के ऐतिहासिक जय स्तंभ चौक में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक, सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, कलाकार और साहित्यकार उपस्थित रहे। जय स्तंभ चौक में ही 10 दिसंबर 1857 को अंग्रेजी हुकूमत ने वीर नारायण सिंह को फाँसी दी थी।
इस शहादत दिवस कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ी समाज पार्टी और छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत वीर नारायण सिंह की प्रतिमा पर माल्यार्पण और अखंड शहीद जवान ज्योति प्रज्ज्वलित करने से हुई। वरिष्ठ पंडवानी कलाकार चेतन देवांगन और उनकी टीम ने वीर नारायण सिंह की वीरगाथा का प्रभावशाली प्रस्तुतीकरण दिया। इसके बाद कलाकार ममता आहार के निर्देशन में स्कूली बच्चों द्वारा प्रस्तुत नाटक को दर्शकों से खूब प्रशंसा मिली। इसी दौरान ममता आहार की वीर नारायण सिंह की जीवनी पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया। लोक कलाकार राकेश तिवारी ने आल्हा तर्ज पर उनकी संघर्षगाथा प्रस्तुत की, जिसे श्रोताओं ने सराहा।
कार्यक्रम के दौरान प्रख्यात कवि मीर अली मीर, संतोष चंद्राकर, गोविंद धनगर और बिसरूराम कुर्रे ने छत्तीसगढ़ी कविताओं के माध्यम से शहीद को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वरिष्ठ इतिहासकार डॉ. के.के. अग्रवाल ने वीर नारायण सिंह को राष्ट्रीय स्तर का अग्रिम पंक्ति का शहीद बताते हुए उनके जीवन के ऐतिहासिक पहलुओं को रेखांकित किया। वहीं इतिहासकार डॉ. रमेन्द्र नाथ मिश्र ने कहा कि आजादी के संघर्ष में सबसे अधिक क्रांतिकारी और शहीद आदिवासी ही रहे हैं, जिनके योगदान का उचित मूल्यांकन आवश्यक है।
संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं राज्य निर्माण आंदोलनकारी अनिल दुबे ने अपने संबोधन में कहा कि जय स्तंभ चौक पर शहादत दिवस मनाने की परंपरा राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की पहल पर शुरू हुई थी, जो अब प्रेरणादायक रूप ले चुकी है। कार्यक्रम में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज के संयोजक ललित बघेल सहित कई सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने भी विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर राज्य निर्माण आंदोलनकारी गोवर्धन चंद्राकर, उदय भान सिंह चौहान, वरिष्ठ कवि रामेश्वर शर्मा, डॉ. पंचराम सोनी, डॉ. वैभव पांडे, जयंत साहू सहित रायपुर, महासमुंद, अभनपुर, पाटन, दुर्ग, कवर्धा, बेमेतरा, धमतरी, बिलासपुर और कोरबा से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन लोकतंत्र सेनानी और राज्य निर्माण सेनानी जागेश्वर प्रसाद ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन श्यामू राम सेन ने किया।
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