इस साल भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day 2024) मनाने जा रहा है। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश शासन से मुक्ति का यह दिन देश के कई वीर सपूतों की याद दिलाता है, जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और अपने प्राण न्योछावर करने से भी पीछे नहीं हटे थे। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे भारत की कुछ ऐसी खास जगहों के बारे में जहां विजिट करके आप भी इस स्पेशल दिन को हमेशा के लिए यादगार बना सकते हैं।
पोरबंदर, गुजरात
भारत को आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का विशेष योगदान रहा है। इस 15 अगस्त कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो आप गुजरात के पोरबंदर विजिट कर सकते हैं, जहां आपको महात्मा गांधी जन्म स्थान कीर्ति मंदिर देखने को मिलेगा। आज संग्रहालय में तब्दील यह जगह गांधी के लेखन और जीवन दोनों की पहलुओं को बखूबी दर्शाती है।
जलियांवाला बाग, अमृतसर
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप पंजाब के अमृतसर भी विजिट कर सकते हैं। यहां आप जलियांवाला बाग का दीदार कर सकते हैं, जो 1919 में बैसाखी के दिन रॉलेट एक्ट के विरोध में हुए शांतिपूर्वक प्रदर्शन में निहत्थे मासूमों के भयानक कत्लेआम की याद दिलाता है। आज भी यहां दीवारों पर बुलेट के निशान देखे जा सकते हैं।
अगस्त क्रांति मैदान, मुंबई
मुंबई का अगस्त क्रांति मैदान भी 15 अगस्त के मौके पर घूमने के लिए परफेक्ट जगह है। महात्मा गांधी ने इसी जगह से 9 अगस्त 1942 को अंग्रेजों के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन का बिगुल फूंका था। इसे गोवली मैदान के नाम से भी जाना जाता है और यह दोस्तों और परिवार के साथ घूमने के लिए बढ़िया जगह है।
कारगिल युद्ध स्मारक, लद्दाख
15 अगस्त पर आप लद्दाख में स्थित कारगिल युद्ध स्मारक का भी दीदार कर सकते हैं। 90 के दशक के आखिर में पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध में शहीद हुए वीर सपूतों के सम्मान में यह स्मारक बनाया गया था। यहां दीवारें बलुआ पत्थर से बनी हैं, जिस पर उन सभी सैनिकों के नाम अंकित हैं, जिन्होंने युद्ध में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। इस स्मारक से आप तोलोलिंग और टाइगर हिल भी देख सकते हैं, जो पाकिस्तानी सैनिकों को हराने के बाद भारतीय सेना द्वारा पुनः कब्जा किए गए क्षेत्र हैं।
लाल किला, दिल्ली
स्वतंत्रता दिवस पर आप लाल किला भी घूम सकते हैं, जो अंग्रेजों से भारत की आजादी का प्रतीक है। हर साल 15 अगस्त के दिन देश के प्रधानमंत्री यहां झंडा फहराते हैं और देशवासियों को संबोधित भी करते हैं। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी खास है। बता दें, इसे शाहजहां ने बनवाया था और लाल रंग के बलुआ पत्थर से हुए इसके निर्माण के कारण इसे लाल किले के नाम से जाना जाता है।