भारत ने शुक्रवार को ओडिशा के चांदीपुर तट पर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप के एकीकृत परीक्षण रेंज से मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि -चार का सफल प्रक्षेपण किया। प्रक्षेपण के दौरान सभी परिचालन और तकनीकी मानकों पर खरी उतरते हुए मिसाइल ने तय समय सीमा में लक्ष्य को भेदा।
सेना की सामरिक बल कमान के निर्देशन में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में यह परीक्षण किया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मिसाइल के परीक्षण के लिए विज्ञानियों एवं रक्षा अधिकारियों को बधाई दी है।
अग्नि-चार मिसाइल के बारे में जानिए
अग्नि चार अग्नि शृंखला की चौथी मिसाइल है, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों के इस्तेमाल के लिए विकसित किया गया है। इसकी मारक क्षमता चार हजार किलोमीटर तक है। इस तरह इसकी जद में चीन, पाकिस्तान समेत कई देश हैं। स्वेदशी तकनीक से यह कई अत्याधुनिक तकनीकी और सामरिक क्षमताओं से लैस है।
इस मिसाइल की एक बड़ी खासियत यह है कि यह रडार की पकड़ में नहीं आती है। वहीं, उड़ान के दौरान आने वाली खामियों को यह खुद ठीक करने में भी सक्षम है।
इसे सड़क के मोबाइल लांचर से लांच किया जा सकता है। इस मिसाइल को पहले अग्नि दो प्राइम के नाम से जाना जाता था। यह मिसाइल डेढ़ मीटर की ऊंचाई पर छोटे-छोटे लक्ष्य को भी ध्वस्त कर सकती है।