रायपुर 28 नवम्बर।छत्तीसगढ़ की राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कहा हैं कि छत्तीसगढ़ी भाषा, बोली और गीत में इतनी मिठास है कि यह हृदय को छू लेती है।
सुश्री उइके ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर मोर चिन्हारी छत्तीसगढ़ी संस्था द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि मुझे राज्यपाल पद का दायित्व लिए करीब चार महीने हो रहे हैं।इस दौरान चार-पांच हजार लोगों से भी अधिक लोगों से मेरी मुलाकात हुई है।साथ ही कुछ जिलों में जाने का मौका भी मिला। मुझे सबसे ज्यादा खुशी मुझपर आमजनों का विश्वास को देखकर होती है।
उन्होंने कहा कि गत दिवस गवर्नर्स कांफ्रेंस में छत्तीसगढ़ी भाषा से संबंधित बातें रखी थी और छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राष्ट्रपति केन्द्र सरकार के समक्ष आवश्यक प्रयास करूंगी। साथ ही इस मंच से संस्था के सदस्यों द्वारा इस भाषा के प्रोत्साहन के लिए जो आग्रह किया गया है, उसे राज्य सरकार तक पहुंचाऊंगी।
राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी प्रदेश की जनभाषा, राजभाषा और मातृभाषा है। छत्तीसगढ़ कला और संस्कृति की दृष्टि से काफी समृद्ध है। छत्तीसगढ़ी भाषा इतनी मीठी है, यदि उसे छत्तीसगढ़ी में कहें तो ‘गुरतुर’ भाषा है। उसे सुनते वक्त ऐसे लगता है जैसे हम मधुर शब्दों का रसपान कर रहे हों। यह भाषा अत्यंत सरलता तथा सहजता से जन-जन में बोली जाती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा का शब्द-संसार, कहावतें और साहित्य अत्यंत समृद्ध है। इस भाषा का पुराना इतिहास रहा है।