नई दिल्ली 18 मई।भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने कोविड-19 जांच की संशोधित कार्यनीति जारी की है।
आईसीएमआर की नई कार्य नीति के अनुसार पिछले 14 दिन में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा करने वाले ऐसे सभी व्यक्तियों की जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों। प्रयोगशाला में संक्रमण की पुष्टि वाले मरीजों के सम्पर्क में आए और संक्रमण के लक्षण वाले सभी व्यक्तियों की भी जांच की जाएगी।
नई कार्य नीति के अनुसार कोविड-19 पर नियंत्रण के कार्य से जुड़े उन सभी डॉक्टरों और अन्य कर्मियों की जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे हों। सांस की गंभीर बीमारी का सामना कर रहे लोगों की भी कोविड-19 जांच की जाएगी। वहीं पांचवें दिन से दसवें दिन के बीच संक्रमण व्यक्ति के सीधे सम्पर्क में आए ऐसे व्यक्तियों की भी जांच की जाएगी जिन्हे ज्यादा जोखिम की आशंका है और संक्रमण के लक्षण नज़र नहीं आ रहे। इसके अलावा हॉटस्पाट और कंटेनमेंट जोन में सांस की गंभीर बीमारी, 38 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बुखार और खांसी से पीडि़त उन सभी व्यक्तियों की भी जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हैं।
अस्पताल में भर्ती रोगियों में संक्रमण के लक्षण दिखने पर उनकी जांच की जाएगी। अपने घरों की ओर वापस लौट रहे सभी ऐसे व्यक्तियों और प्रवासियों की बीमारी के सात दिन के अंदर कोविड-19 जांच की जाएगी, जिनमें संक्रमण के लक्षण दिखाई देंगे। वहीं आईसीएमआर ने साफ किया है कि जांच के आभाव में आपात प्रक्रिया में देरी नहीं की जाएगी।