रायपुर 09 मार्च।छत्तीसगढ़ विधानसभा में भूपेश सरकार के द्वारा अगामी वित्त वर्ष 2022-23 के आज एक लाख चार हजार करोड़ के पेश किए बजट में पुरानी पेंशन बहाली,प्रतियोगी परिक्षाओं में राज्य के प्रतिभागियों की फीस माफ करने,विधायक निधि को दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ करने समेत कई लोक लुभावन घोषणाएं की गई है।
वित्त विभाग का दायित्व संभाल रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा पेश किए बजट में राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में छह हजार की वार्षिक सहायता में एक हजार का इजाफा कर सात हजार रूपए करने,आदिवासी क्षेत्रों में देवस्थलों पर पूजा करने वाले मांझी,बैगा,गुनिया,पुजारी इत्यादि को राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ देने की घोषणा की गई हैं।इसमें छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल एवं छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों की परीक्षा फीस माफ करने की भी घोषणा की गई हैं।
राज्य के शासकीय अधिकारियो कर्माचारियों की वर्षों पुरानी मांग को स्वीकारते हुए बजट में एनपीएस की जगह पर फिर से पुरानी पेंशन की बहाली की घोषणा की गई हैं।इसी के साथ ही छत्तीसगढ़ देश का राजस्थान के बाद पुरानी पेंशन योजना की बहाली करने वाला दूसरा राज्य बन गया हैं।बजट में नवा रायपुर में गांधी जी की स्मृतियों को संजोए रखने के लिए सेवा ग्राम की स्थापना करने की 100 करोड़ की योजना के लिए नवीन मद में पांच करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।
बजट में सुराजी गांव का सपना साकार करने के लिए राज्य में स्थापित गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित करने की घोषणा करते हुए इन औद्योगिक पार्कों में उन्नत अद्योसंरचना तथा बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।बजट में विधायक निधि को दो करोड़ रूपए से बढ़ाकर चार करोड़ रूपए करने एवं इसके लिए 364 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।
इसके साथ ही बजट में जिला पंचायत अध्यक्षों हेतु 15 लाख,उपाध्यक्षों हेतु 10 लाख रूपए एवं सदस्यों हेतु चार लाख रूपए प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।इसी प्रकार जनपद पंचायत(क्षेत्र पंचायत)अध्यक्षों हेतु पांच लाख,उपाध्यक्षों हेतु तीन लाख एवं सदस्यों हेतु दो लाख रूपए प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि में 66 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।
बजट में जिला पंचायत,जनपद पंचाय़त एवं ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के मानदेय में बढ़ोत्तरी करने की भी घोषणा की गई हैं।जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार,जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार करने एवं जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय छह हजार से बढ़ाकर 10 हजार रूपए किए जाने का प्रावधान किया गया हैं।इसी प्रकार जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय छह हजार से बढ़ाकर 10 हजार करने,उपाध्यक्षों का मानदेय चार हजार से बढ़ाकर छह हजार करने तथा जनपद सदस्यों कता मानदेय डेढ़ हजार से बढ़ाकर पांच हजार करने की घोषणा की गई हैं।
इसमें सरपंचों का भत्ता दो हजार से बढ़ाकर चार हजार एवं पंचो का दो सौ से बढ़ाकर 500 रूपए प्रतिमाह करने की घोषणा की गई हैं।इसके लिए 184 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया हैं।इसके साथ ही ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाने के लिए अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों को दिए जाने की गोषणा की गई हैं।इसमें साथ ही किसी भी ग्राम पंचायत की सहमति के बिना पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान संचालित नही की जा सकेंगी।
बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना में 800 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है।इसी तरह प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 900 किलोमीटर सड़कों ,24 बड़े पुलों के निर्माण के साथ ही राज्य के नक्सल प्रभावित बीजापुर, सुकमा एवं दंतेवाड़ा जिले में 47 स्टील ब्रिज के निर्माण के लिये 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान किया गया है।
युवाओं को रोजगार और स्व-रोजगार से जोड़ने के लिए राज्य में छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन शुरू किया गया है। इसके तहत आने वाले पांच वर्षों में रोजगार के 12 से 15 लाख अवसरों के निर्माण किए जाने का लक्ष्य रखा गया है। मिशन की शुरूआत के लिए बजट में दो करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ, उद्यानिकी, वृक्षारोपण तथा कोदो-कुटकी, रागी फसल लेने वाले किसानों को इनपुट सब्सिडी दी जा रही हैं। आगामी वित्तीय वर्ष के लिए इस योजना के तहत 6000 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।
राज्य के 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जल जीवन मिशन में 1000 करोड़ रूपए का बजट में प्रावधान किया गया है।ग्रामीण विकास के लिए पंचायतों को 1600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।बजट में बस्तर एवं सरगुजा संभाग के चयनित 14 जिलों के 25 विकासखण्डों में पोषण सुरक्षा, कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार तथा कृषि उत्पाद के मूल्य संवर्धन से अतिरिक्त आय सृजन हेतु चिराग परियोजना हेतु 200 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं।
इसमें किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़,फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप एवं स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिये 60 करोड़ एवं कृषि यंत्रों के वितरण एवं प्रचार प्रसार हेतु 87 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं।
बजट में नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण कार्य हेतु 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट एवं स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ तथा तटबंध निर्माण कार्यो हेतु 125 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं।इसके साथ ही बजट में 10 वृहद्, 15 मध्यम तथा तीन लघु सिंचाई योजनाओं के सर्वेक्षण हेतु 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान किया गया हैं।
बजट में मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव एवं कबीरधाम जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास हेतु कार्य प्रारंभ किया गया हैं।ग्रामीण आजीविका मिशन के लिये 450 करोड़ प्रावधान किया गया हैं।बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क एवं 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा एवं दन्तेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण। योजना में 1675 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया हैं।
बजट में आगामी वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने के निर्णय की जानकारी दी गई हैं।इसके साथ ही 11 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल एवं 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन तथा भवन विहीन 40 हाईस्कूलों एवं 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के नवीन भवन निर्माण के लिये 50 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं।भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण तथा 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षों के निर्माण की राशि भी प्रावधानित किया गया हैं।
बजट में सुकमा जिले के जगरगुंडा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं दुर्ग जिले के अहिवारा में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना हेतु 45 नवीन पदों का सृजन एवं खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु प्रावधान किया गया हैं।इसके अलावा चिकित्सा महाविद्यालय अम्बिकापुर एवं कांकेर में चिकित्सकीय उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ तथा चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में कार्डियोवेस्कुलर एवं थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन हेतु भी प्रावधान किया गया हैं।
बजट में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस एवं दाई-दीदी क्लीनिक के संचालन को विस्तार देते हुए इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका एवं नगरपंचायतों में लागू करने के लिये 50 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं। शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने हेतु ‘‘मोर जमीन मोर मकान’’ तथा ‘‘मोर मकान मोर चिन्हारी’’ योजनाओं में 450 करोड़ प्रावधान किया गया हैं।
बजट में मानव तस्करी की रोकथाम हेतु राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो, सतर्कता सेल एवं शिकायत सेल के गठन हेतु 23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान किया गया हैं।इसके साथ ही हाईटेक अपराधों की जांच हेतु रायपुर, दुर्ग एवं बिलासपुर में एण्टी क्राइम एण्ड साइबर यूनिट का गठन होगा।बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों तथा पदोन्नति का लाभ देने के लिये डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स से नवीन कैडर का गठन किया जायेगा।
लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 6638 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं। वर्तमान में 16 हजार करोड़ से भी अधिक लागत के सड़क एवं पुल निर्माणाधीन हैं।बजट में राज्य मार्गो के निर्माण हेतु 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण हेतु 458 करोड़, ग्रामीण मार्गो के निर्माण हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 315 करोड़ तथा रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण हेतु 90 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं।बजट में मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना हेतु 150 करोड़,एडीबी सहायित सड़क विकास परियोजना के लिए 884 करोड़ तथा नाबार्ड सहायित ग्रामीण मार्गो/मध्यम पुलों के निर्माण हेतु 236 करोड़ का प्रावधान किया गया हैं।