देश में दिल्ली, यूपी, हरियाणा जैसे राज्यों में लोग गर्मी से उबरने के लिए मॉनसूनी बारिश का इंतजार कर रहे हैं। वहीं गुजरात, महाराष्ट्र जैसे देश के पश्चिमी राज्यों में सैलाब से हालात एकदम बिगड़ गए हैं। गुजरात का तो सबसे बुरा हाल है, जहां नवसारी, डांग, अहमदाबाद, तापी, नर्मदा जैसे जिलों में हालात बेकाबू हैं। नवसारी से सूरत को जोड़ने वाला स्टेट हाईवे बाढ़ जैसे हालातों के चलते बंद हो गया है। इसके अलावा अहमदाबाद में तो गली-गली में पानी भरा है और मुख्य मार्गों पर कारें डूबी खड़ी हैं। कहीं अस्पतालों में पानी भरा है तो कहीं सोसायटी में खड़ीं गाड़ियां तैरने की स्थिति में हैं
गुजरात में बीते एक दिन में 7 लोगों की मौत
हालात का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि बीते एक दिन में गुजरात में 7 लोगों की बाढ़ के चलते मौत हो गई है। मॉनसून की बारिश के चलते अब तक कुल 63 लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने कहा, ‘बीते एक दिन में बारिश से जुड़ी घटनाओं के चलते 7 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके अलावा 1 जून से अब तक बिजली गिरने, दीवार गिरने या फिर डूबने जैसी घटनाओं के चलते 63 मौतें हुई हैं।’ अब तक सूबे में 9,000 लोगों को दूसरे स्थानों पर शिफ्ट किया गया है और फंसे हुए 468 लोगों को बचाया गया है।
अहमदाबाद में डूबीं कारें, रिहायशी इलाकों में घुसा पानी
अहमदाबाद में रविवार रात से ही परेशानी बढ़ी हुई है। एक ही रात में शहर में 219 मिलीमीटर बारिश हुई है और इसके चलते रिहायशी इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। सोमवार को स्कूल और कॉलेज बंद थे, आज भी तमाम संस्थानों को बंद ही रखा गया है। दक्षिण गुजरात के डांग, नवसारी, तापी, वलसाड जैसे जिलों में भारी बारिश अब भी जारी है और हालात लगातार बदतर बने हुए हैं। इसके अलावा सेंट्रल गुजरात के पंचमहाल, छोटा उदयपुर और खेड़ा में भी संकट गहरा है। पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने सीएम भूपेंद्र पटेल से बात कर हालात का जायजा लिया है।
महाराष्ट्र में नदियां उफान पर, खतरे के निशान के करीब
महाराष्ट्र में भी मुंबई, पुणे से लेकर कई शहरों में भारी बारिश ने इंतजामों को कमजोर साबित किया है। राज्य की ज्यादातर नदिया खतरे के निशान के करीब ही बह रही हैं। अंबा, सावित्री, उल्हास, कुंडालिका, वशिष्ठी नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। प्रशासन का कहना है कि पुणे, मराठवाड़ा और नागपुर डिविजन के 20 इलाके ऐसे हैं, जहां बाढ़ का संकट हो सकता है। इनमें से 10 इलाके अकेले पुणे में ही हैं। नासिक में भी गोदावरी नदी का जलस्तर इतना ऊपर चला गया है कि धार्मिक नगरी के मंदिर डूबे नजर आ रहे हैं।