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राहुल के नेतृत्व में भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू

इंफाल, 14 जनवरी।कांग्रेस अध्यक्ष मलिल्कार्जुन खड़गे और पूर्व पार्टी प्रमुख राहुल गांधी के नफरत और हिंसा की राजनीति को खत्म करने और बहस और समझ की नई राजनीति शुरू करने के आह्वान के साथ आज भारत जोड़ो न्याय यात्रा मणिपुर से शुरू हो गई।

     यात्रा के शुभारंभ से पहले गांधी ने 1891 के एंग्लो मणिपुर नायकों की याद में बनाए गए खोंगजोम युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की।यह यात्रा 66 दिनों में लगभग 6,200 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी। यात्रा के लिए वाहन का अनावरण करने के बाद उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए श्री खड़गे ने कहा कि देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू ने मणिपुर को भारत का गहना बताया था और यह कांग्रेस ही थी जिसने उदारतापूर्वक लोगों की सभी मांगों पर सहमति व्यक्त की। कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी लोगों के लिए लड़ रहे हैं और यह एक लंबा संघर्ष है।

   उन्होंने कहा कि ऐसी यात्रा भारतीय इतिहास में कभी नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वोट मांगने आए थे लेकिन जब मणिपुर के लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ा तो मोदी ने कभी राज्य का दौरा नहीं किया। खड़गे ने कहा, “हमें संविधान को बचाने के लिए धर्मनिरपेक्षता, स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर लड़ना चाहिए, लेकिन धार्मिक मुद्दों पर लोगों को नहीं भड़काना चाहिए। पीएम भगवान राम के बारे में बोल रहे थे लेकिन उनके कार्य अलग हैं।”

    श्री खड़गे ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान 146 सांसदों को निलंबित किया गया. उन्होंने कहा, ”जिन लोगों को हटाकर वे कानून पारित करना चाहते थे, लोकतंत्र को खत्म करने का तानाशाही रवैया देखा गया।’उन्होने कहा कि’ “राहुल गांधी मणिपुर के लोगों के लिए न्याय चाहते हैं। अगर प्रधानमंत्री लक्षद्वीप का दौरा कर सकते हैं तो वे मणिपुर क्यों नहीं आ सकते।”

   यात्रा के नेतृत्वकर्ता राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने पहले भी मणिपुर का दौरा किया था और पहली बार कुछ ऐसा देखा जो उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। उन्होंने कहा, “राजनीति में शामिल होने के बाद मैंने पहली बार शासन का पतन देखा। यह अब वह मणिपुर नहीं रहा जिसे हम जानते थे, लाखों लोग प्रभावित हुए हैं और लोग मारे गए हैं।” उन्होने आरोप लगाया कि मणिपुर के लोगों की पीड़ा बीजेपी और आरएसएस को महसूस नहीं होती।अपनी पिछली भारत जोड़ो यात्रा को याद करते हुए एआईसीसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि वह 4000 किलोमीटर चले थे और लोगों को एकजुट करने, अविश्वास दूर करने की बात कही थी। उन्होंने कहा, “यह कठिन था लेकिन फलदायी था। आज शुरू हुई यात्रा वाहन और पैदल चलने की मिश्रित यात्रा होगी।”

     उन्होने कहा कि भाजपा और आरएसएस ने जो राजनीति, विचारधारा और नफरत फैलाई है, उसके कारण मणिपुर में आपदाएं आई हैं। श्री गांधी ने कहा कि वह दुख, नुकसान की भयावह भावना और दुख को समझते हैं और उन्होंने मणिपुर के लोगों को सबसे ज्यादा महत्व देने वाली चीजों को वापस लाने का वादा किया है। देश की स्थिति का जिक्र करते हुए उन्होंने एकाधिकारवादी प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त की और कहा कि केवल कुछ लोगों को धन तक मुफ्त पहुंच मिल रही है और छोटे और मध्यम आकार के उद्योग गायब हो गए हैं।

    श्री गांधी ने कहा कि पिछली यात्रा की तरह इस बार भी वह कम बोलेंगे और ज्यादा सुनेंगे। कांग्रेस नेता ने लोगों को सुबह से ही खोंगजोम में इंतजार कराने के लिए माफी भी मांगी। उन्होंने कहा कि भारत का दृष्टिकोण हिंसा, घृणा और एकाधिकार नहीं है, बल्कि एक सामंजस्यपूर्ण न्यायसंगत भाईचारा है।