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रायपुर, 09 फरवरी।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि वर्ष 2024-25 का राज्य का बजट आने वाले कई वर्षों तक छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा और दशा संवारने वाला बजट है।
श्री साय ने आज यहां पत्रकारों से बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह बजट प्रदेश का राजस्व बढ़ाने वाला बजट है। इस बजट में कर का कोई नया प्रस्ताव नहीं है, न ही मौजूदा करों की दरों में वृद्धि का कोई प्रस्ताव है। यह बजट सभी वर्गों के समावेशी विकास को सुनिश्चित करने वाला और विकसित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने वाला बजट है। उन्होने कहा कि अमृतकाल का छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लक्ष्य को हासिल करने में अग्रणी भूमिका निभाएगा।
उऩ्होने कहा कि बजट में हमारा फोकस गरीब, युवा, अन्नदाता किसान और नारी सशक्तिकरण पर केन्द्रित है। बजट में सभी वर्गों की चिन्ता की गई है। यह बजट हमारी सरकार का विजन डॉक्युमेंट भी है, जो छत्तीसगढ़ के चौमुखी विकास की परिकल्पना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास आने वाले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का होगा।
श्री साय ने बजट के प्रमुख बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आदिवासी बहुल बस्तर और सरगुजा के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 5500 रूपए प्रति मानक बोरा करने और बोनस का प्रावधान किया गया है। तेन्दूपता संग्राहकों के लिए हम चरण पादुका योजना पुनः शुरू करेंगे। इसी तरह दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर योजना में भूमिहीन कृषि मजदूरों को 10 हजार रूपए की वार्षिक सहायता के लिए बजट में 500 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। युवाओं के भविष्य के साथ अब खिलवाड़ न हो इसके लिए राज्य सरकार ने पीएससी की अनियमितताओं की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया है। बजट में युवाओं के रोजगार के लिए प्रावधान किया गया है।