Friday , September 20 2024
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आलेख

राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण कारण एवं निवारण – रघु ठाकुर

देश की राजधानी दिल्ली में अक्टूबर-नवम्बर माह में फैले स्माक प्रदूषण की समस्या को देश की चिंता में शीर्ष पर ला दिया है। यह प्रदूषण अक्टूबर माह में दीपावली के पहले काफी बढ़ गया था और एक जनहित याचिका जो तीन अबोध बच्चो के नाम से उनके अभिभावको ने सुप्रीम …

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12 साल बेमिसाल और बदहाली में उलझती मध्यप्रदेश की राजनीति – अरुण पटेल

भाजपा और कांग्रेस दोनों मध्यप्रदेश में 2018 के अन्त में होने वाले विधानसभा चुनाव के मोड में आ गए हैं और अपने-अपने ढंग से चुनाव जीतने के मद्देनजर राजनीतिक गोटियां बिठाने लगे हैं। भाजपा जहां एक ओर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के 12 साल के कार्यकाल को बेमिसाल निरूपित करते …

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यूपी के शानदार नतीजों से भाजपा को गुजरात में बड़ी उम्मीद – राज खन्ना

यू पी में अपने बुरे दिनों में भी भाजपा शहरी निकाय चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती रही है। लेकिन इस बार की उसकी जीत अलग कारणों से महत्वपूर्ण हो गई है। केंद्र में उसकी साढ़े तीन साल से सरकार है।प्रदेश में  कुछ महीनो पहले ही प्रचंड बहुमत से पार्टी लम्बे वनवास …

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नेता और रोबोट-नेता के मायने: एक ओर कुंआ, दूसरी ओर खाई – उमेश त्रिवेदी

गुजरात विधानसभा चुनाव के दरम्यान जारी असहनीय जुमलेबाजी और लफ्फाजियों के बीच हिन्दुस्तान के लोग क्या इस खबर से सुकून महसूस करेंगे कि न्यूजीलैंड में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा रोबोट नेता विकसित कर लिया है, जो सक्रिय राजनीति में हिस्सेदारी करते हुए चुनाव लड़ने में सक्षम है? राजनीति में ‘आर्टीफीशियल-इंटेलीजैंस’ …

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कोलारस का कोलाहल और भोपाल में बहनजी का मायाजाल – अरुण पटेल

कोलारस और मुंगावली के उपचुनाव की हालांकि अभी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है लेकिन कांग्रेस और भाजपा ने अभी से वहां इस कदर कोलाहल मचाना प्रारंभ कर दिया है मानों उपचुनावों की तारीखों का ऐलान हो गया हो। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कोलारस में विशाल किसान सम्मेलन में भाजपा सरकार को …

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श्रीश्री की अयोध्या का असली श्रीमंत्र – पंकज शर्मा

अब श्रीश्री के मन में अयोध्या विवाद सुलझाने की हुड़क जगी है। वे भले ही 1008 श्री नहीं हैं। भले ही 108 श्री भी नहीं हैं। मगर अपने नाम के आगे एक बार श्री लगाने से भी उनका काम नहीं चलता है, सो, दो बार श्री लगाते हैं। पिछले 22 …

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क्या हार्दिक की आंधी 15 लाख वोटों का ‘स्विंग’ पैदा कर सकेगी ? – उमेश त्रिवेदी

मतदान के एक पखवाड़े पहले कांग्रेस और हार्दिक पटेल का राजनीतिक-समझौता होते ही गुजरात के चुनाव-अभियान के तेवर एकदम ही बदल गए हैं।संवैधानिक व्यवस्थाओं के मद्देनजर भाजपा मानती थी कि कांग्रेस पटेलों के पक्ष में ऐसा कोई राजनीतिक-फार्मूला ईजाद नहीं कर पाएगी, जो कांग्रेस और हार्दिक पटेल के बीच समझौते …

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राहुल के ‘राजनीतिक-मोमेण्टम’ में ‘हार्डकोर’ हिन्दुत्व का ‘स्पीड-ब्रेकर’ – उमेश त्रिवेदी

दिल्ली में 20 नवम्बर को कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के बाद राहुल गांधी घोषित तौर पर अब कांग्रेस के सुप्रीम कमॉण्डर हैं। उनके अध्यक्ष बनने की अब औपचारिकता ही शेष है। राहुल अपने और कांग्रेस के सबसे बुरे दौर में संगठन की कमान संभाल रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष के …

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इंदिराजी और मोदी की राजनीतिक-रंगत सत्ता-मद का समभाव – उमेश त्रिवेदी

सौंवी वर्षगांठ पर इंदिरा गांधी का स्मरण और उनके योगदान का विश्लेषण श्रध्दा-सुमन अर्पित करने वाली राजनीति की परम्परागत भाषा-शैली में संभव नहीं है।ऐसे प्रसंगों पर उपयोग किए जाने वाले मुहावरों की अतिरंजना इतिहास से सीखने की राहों को भूल-भुलैया की अंतहीन गुफाओं की ओर मोड़ देती है। इसीलिए आजादी …

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शिवराज के मुकाबले ज्योतिरादित्य होंगे कांग्रेस का चेहरा ? – अरुण पटेल

कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले के लिए चेहरा सामने रखकर चुनावी समर में कूदने का लगभग मन बना लिया है। संभवत: यह चेहरा पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का हो सकता है। कमलनाथ भी महत्वपूर्ण भूमिका में कांग्रेस को मजबूत करने के …

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