कल 08 जुलाई से 26 जुलाई के दरम्यान होने वाला विधानसभा का पावस सत्र जो कि वास्तव में बजट सत्र ही है, के दौरान जिस ढंग का जनादेश चुनाव में मिला है उसको देखते हुए पग-पग पर राज्य की कमलनाथ सरकार को अग्नि परीक्षा से गुजरना होगा। वैसे तो कांग्रेस …
Read More »क्या छत्तीसगढ़ का फॉर्मूला मध्यप्रदेश में भी लागू करेंगे राहुल?- अरुण पटेल
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साफ संकेत देने के बाद देश भर से कांग्रेस के छोटे-बड़े डेढ़ सौ से अधिक नेताओं ने इस्तीफों की झड़ी उनके अंगने में लगा दी है। छत्तीसगढ़ में पहले से चल रहे दो नामों अमरजीत सिंह भगत और मनोज मंडावी की जगह मोहन मरकाम को …
Read More »भूपेश को चुनौती बाहर से नहीं भीतर से – दिवाकर मुक्तिबोध
इसी 17 को भूपेश बघेल सरकार के छ: माह पूरे हो गए। स्वाभाविक था वह बीते महीनों का हिसाब -किताब जनता के सामने रखती। वह रखा। सरकार के मंत्रियों ने राज्य के अलग-अलग स्थानों पर मीडिया से मुख़ातिब होते हुए सरकार के कामकाज का ब्योरा पेश किया। यह कोई रोमांचकारी …
Read More »सपा – बसपा एक बार फिर आमने सामने- राज खन्ना
लोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को आये थे। ठीक एक महीने बाद 23 जून को सपा-बसपा फिर आमने- सामने आ गए। वैसे 3 जून को ही मायावती ने गठबन्धन से किनारा कर लिया था। अखिलेश की नेतृत्व क्षमता पर सवाल भी तभी खड़े कर दिए थे। पर तब सुर …
Read More »एक्शन मोड में शिवराज और जनमानस में विश्वास जगाते कमलनाथ – अरुण पटेल
पहले राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और बाद में सदस्यता अभियान का राष्ट्रीय प्रभारी बनाकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय फलक पर फोकस बनाने का निरन्तर प्रयास कर रहे हैं लेकिन शिवराज सौंपे गए दायित्व के साथ ही मध्यप्रदेश का मैदान छोड़ने को तैयार नहीं …
Read More »मोदी शाह की नजर में : यू बढ़ा मध्यप्रदेश का सियासी ग्राफ- अरुण पटेल
एक समय था जब केंद्र की राजनीति में कांग्रेस के सत्तारुढ़ रहते मध्यप्रदेश का दबदबा हुआ करता था। उसके बाद केंद्र में मोदी सरकार बनने के पश्चात मध्यप्रदेश को फिर से महत्व मिलना शुरु हो गया है। केंद्रीय सत्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दुबारा धमाकेदार वापसी के बाद जिन …
Read More »संभव नहीं है सवालों पर सीलिंग, सरोकारों का सीमांकन – उमेश त्रिवेदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जबरदस्त जीत के बाद देश में उस वैचारिक-विमर्श को घेरने के सघन प्रयास शुरू हो गए हैं, जो जनता के सरोकारों से जुड़े सवालों को उत्प्रेरित करते हैं अथवा सैध्दांतिक-असहमितयों को बयां करते हैं। यह दौर अवाम की बुनियादी जरूरतों की पड़ताल करने वाले सवालों को …
Read More »मोदी सरकार में अमित शाह की राजनीतिक-सर्वोच्चता के मायने – उमेश त्रिवेदी
लोकसभा चुनाव में स्पष्ट जनादेश मिलने के बाद प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी की ताजपोशी की रस्में पूरी हो चुकी हैं और देश की राजनीति ने नई करवटें लेना शुरू कर दिया है। मोदी ने शपथ-विधि के बाद विभागों के बंटवारे में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को …
Read More »मीडिया; खुद के भीतर झांकने का बेहतर दिन- राज खन्ना
(हिन्दी पत्रकारिता दिवस 30 मई पर विशेष) 30 मई 1826। इस दिन कलकत्ते में हिन्दी का पहला अख़बार ” उदन्त मार्तण्ड ” छपा था। कानपुर के पंडित जुगुल किशोर शुक्ल संपादक थे।अख़बार को कम उम्र मिली। 11 दिसम्बर 1827 को आखिरी अंक छपा। बन्द हो चुके इस अखबार के 1976 में डेढ़ सौ साल पूरे …
Read More »हेट-स्पीच से आहत लोकतंत्र के घावों पर शब्दों का मरहम – उमेश त्रिवेदी
शनिवार, 25 मई 2019 को, दूसरी बार प्रधानमंत्री मनोनीत होने के बाद नरेन्द्र मोदी ने संसद के सेण्ट्रल हाल में एनडीए के साढ़े तीन सौ सदस्यों के बीच जो भाषण दिया, उसके राजनीतिक मायनों की विवेचना और विश्लेषण का दौर शुरू हो चुका है। इसके पूर्व लोकसभा चुनाव नतीजों के …
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