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आलेख

जीएसटी और नोटबंदी की परेशानियों पर मौत की मुहर – उमेश त्रिवेदी

भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भले ही इस बात पर खुश हों कि गुजरात और हिमाचल के चुनाव में नोटबंदी और जीएसटी का मुद्दा उनके लिए प्राणघातक साबित नहीं हुआ, लेकिन मंझले और छोटे काम-धंधे करने वाले व्यापारियों के लिए ये कानून अभी भी पहले जैसे ही प्राणलेवा …

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अबूझ सवाल: कोई गांधी-वध की विरासत क्यों हासिल करना चाहेगा ? – उमेश त्रिवेदी

राजघाट पर ‘रघुपति राघव राजाराम’ की सनातनी धुन में खलल डालने की कोशिशें सुप्रीम कोर्ट की  इस रिपोर्ट के बाद नाकाम हो गई हैं कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के मामले की अब दुबारा जांच की जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के एमिकस क्यूरी अमरेन्द्र शरण ने कागजातों को …

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‘उपवनों के पारखी तुम, जंगलों की जात मेरी…।’ – उमेश त्रिवेदी

अब राज्यसभा में कांग्रेस के दो वरिष्ठ नेता जनार्दन द्विदी और डॉ. कर्णसिंह की बौध्दिक तेजस्विता का आभा-मंडल देखने और सुनने को नहीं मिलेगा। 27 जनवरी, 2018 को ये दोनों सदस्य राज्यसभा से अवकाश ले रहे हैं। राज्यसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन जनार्दन व्दिवेदी ने अपने विदाई-भाषण का …

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बिहार की तर्ज पर मध्यप्रदेश में आकार लेती महागठबंधन की राजनीति – अरुण पटेल

बिहार की तर्ज पर मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को मिशन 2018 में शिकस्त देने के मकसद से महागठबंधन बनाने की राजनीतिक पहल प्रारंभ हो गयी है और यहां कांग्रेस की अगुवाई में प्रयास तेज हो गए हैं। विगत शुक्रवार को भोपाल के छोला दशहरा मैदान में लाठी रैली के …

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ट्रम्प-किमजोंग : क्या एक ‘पागल’ दूसरे ‘पागल’ से डरता है ?- उमेश त्रिवेदी

वैसे तो भारत में भी लोगों को हैरान करने वाली घटनाएं कुछ कम नहीं घट रही हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग के बीच जारी ‘बड़े’ परमाणु बम और ‘छोटे’ परमाणु बम की धमकियों ने चर्चाओं का रुख अपनी ओर मोड़ लिया है। …

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कानून के अकेले प्रयास से नहीं रोक पायेंगें नारी उत्पीड़न को – रघु ठाकुर

16 दिसम्बर 2017 को देशभर में और विशेषतः बड़े शहरों में निर्भया दिवस मनाया गया। निर्भया दिवस इसलिए कि वर्ष 2012 में दिल्ली में एक लड़की के साथ बलात्कार हुआ था और इसके खिलाफ समूचे देश में एक आक्रोश पनपा था। उस समय केन्द्र में यू0पी0ए0 की सरकार थी तथा …

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सेवा-संघर्ष के जरिये बनी संजय सिंह की पहचान – राज खन्ना

आम आदमी पार्टी(आप) के नेता संजय सिंह सड़कों पर संघर्ष करते हुए राज्यसभा की देहरी पर पहुंचे हैं। लगातार दो दशकों तक संजय सिंह ने अपने गृह जनपद सुलतानपुर और उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों पर जनसरोकारों को लेकर जमीनी लड़ाइयां लड़ी हैं। अन्ना आंदोलन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर …

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200 साल पुराने युध्द के बहाने वर्तमान को बांटने की कोशिशें – उमेश त्रिवेदी

पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव युध्द की 200वीं सालगिरह पर आयोजित जश्न में पनपी हिंसा ने देश में सामाजिक-समरसता की राहों को नए जातीय तनाव की ओर मोड़ दिया है। एक जनवरी 1818 के दिन भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने चितपावन ब्राम्हण पेशवा बाजीराव व्दितीय की …

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म.प्र. में भाजपा और कांग्रेस के सामने सत्ता में बने रहने और आने की चुनौती – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश में नया साल भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौतियों से भरा रहेगा, क्योंकि यह वही साल है जब मिशन 2018 की सफलता के लिए दोनों दल एड़ी-चोटी का जोर लगाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। भाजपा के सामने लगातार चौथी बार सत्ता में बने रहने का लक्ष्य …

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वर्ष 2018: क्यों बीता समय आने वाले वक्त को डरा रहा है ? – उमेश त्रिवेदी

साल भर राजनीति के खारे पानी में गोताखोरी के बाद 2017की लंबी परछाइयां समय की लहरों पर गहरे लंगर डालकर कुछ इस कदर जमी बैठी हैं कि 2018 की रोशन सुबह की खुशियों के आगे अंधेरों का पर्दा दहशतजदा करता सा महसूस होता हैं। साल के आखिरी दिनों में नए …

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