नई दिल्ली 27 अक्टूबर।भारत और अमरीका के रक्षा और विदेश मंत्रियों की तीसरी टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय वार्ता में आज ऐतिहासिक बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौते(बीईसीए) पर हस्ताक्षर किए गए।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ.एस. जयशंकर ने भारतीय शिष्टमण्डल का नेतृत्व किया, जबकि अमरीका की ओर से शिष्टमण्डल का नेतृत्व वहां के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और रक्षामंत्री मार्क एस्पर ने किया।
बैठक के बाद एक प्रेस वक्तव्य में रक्षा मंत्री श्री सिंह ने कहा कि बुनियादी आदान-प्रदान और सहयोग समझौता(बीईसीए) पर दस्तखत किया जाना एक अत्यंत महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने द्विपक्षी और बहुपक्षीय सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि बैठक में क्षमता निर्माण की संभावनाओं का पता लगाने और भारत के पड़ोसी देशों समेत अन्य देशों के साथ संयुक्त रूप से सहयोग गतिविधियां संचालित करने के बारे में भी चर्चा हुई।
रक्षामंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर आधारित नियमों का पालन करने और सभी देशों की क्षेत्रीय अखण्डता तथा सम्प्रभुता को बनाए रखने पर सहमत हैं।उन्होने कहा कि दोनों पक्षों ने समूचे हिन्द प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति सम्बंधी अपने-अपने आकलन एक-दूसरे से साझा किए और इस क्षेत्र के सभी देशों में शांति, स्थिरता और खुशहाली के प्रति अपनी वचनबद्धता दोहराई।
अमरीकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि भारत की सम्प्रभुता और स्वतंत्रता के लिए उत्पन्न चुनौतियों से निपटने में अमरीका हमेशा भारत का साथ देगा। श्री पोम्पियो ने कहा कि वे रक्षा मंत्री एस्पर के साथ राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देखने गए, जहां उन्होंने लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों सहित देश की रक्षा करते हुए अपना जीवन बलिदान करने वाले सभी भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अमरीका और भारत न सिर्फ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, बल्कि हर प्रकार के खतरे के खिलाफ सहयोग बढ़ाने के लिए कदम उठा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमरीका संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन करता है।