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आलेख

वोट एवं बुलेट ट्रेन का खेल – रघु ठाकुर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी व जापान के प्रधानमंत्री श्री आबे के बीच, जो बातचीत व करार हुआ, उसी का एक हिस्सा देश में, बुलेट ट्रेन के लिये, जापान की भूमिका का निर्णय है।जापान अहमदाबाद से मुम्बई के बीच, बुलेट ट्रेन की परियोजना को क्रियान्वित करायेगा तथा भारत को इसके लिये …

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सामना, शहादत और मातम ! – संजय द्विवेदी

  पाकिस्तान के जन्म की कथा, उसकी राजनीति की व्यथा और वहां की सेना की मनोदशा को जानकर भी जो लोग उसके साथ अच्छे रिश्तों की प्रतीक्षा में हैं, उन्हें दुआ कि उनके स्वप्न पूरे हों। हमें पाकिस्तान से दोस्ती का हाथ बढ़ाते समय सिर्फ इस्लामी आतंकवाद की वैश्विक धारा का …

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आरक्षण व्यवस्था के साथ लगातार हो रहा हैं खिलवाड़ – डॉ.पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’

भारत में हजारों सालों से संचालित अमानवीय मनुवादी व्यवस्था के कारण सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से वंचित वर्गों की दशा संविधान लागू होने के 66 साल बाद भी अत्यधिक दयनीय है।संविधान निर्माताओं को इन वर्गों की विशेष चिन्ता थी।इसी कारण से इन वंचित वर्गों को अजा, अजजा एवं ओबीसी वर्गों …

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छात्र आंदोलन,खो गया है रास्ता -संजय द्विवेदी

हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या की घटना ने हमारे शिक्षा परिसरों को बेनकाब कर दिया है। सामाजिक-राजनीतिक संगठनों में काम करने वाले छात्र अगर निराशा में मौत चुन रहे हैं, तो हमें सोचना होगा कि हम कैसा समाज बना रहे हैं? किसी राजनीति या विचारधारा से सहमति-असहमति …

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जोगी के बिना कांग्रेस ? कमजोर या मजबूत-दिवाकर मुक्तिबोध

छत्तीसगढ़ कांग्रेस क्या अपने दूसरे विभाजन की ओर बढ़ रही है। दिसंबर 2015 के अंतिम सप्ताह में अंतागढ़ उपचुनाव सीड़ी कांड के जाहिर होने के बाद जोगी परिवार पर पार्टी अनुशासन का कहर टूट पड़ा है। मरवाही से निर्वाचित अमित जोगी को 6 वर्ष के लिए पार्टी से निष्कासित कर …

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अमित शाहःकांटों का ताज-संजय द्विवेदी

 भारतीय जनता पार्टी ने अंततः अमित शाह को दुबारा अपना अध्यक्ष बनाकर यह संदेश दे दिया है कि पार्टी में ‘मोदी समय’ अभी जारी रहेगा। कई चुनावों में पराजय और नाराज बुजुर्गों की परवाह न करते हुए बीजेपी ने साफ कर दिया है कि अमित शाह, उसके ‘शाह’ बने रहेगें। …

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क्या यही है कांग्रेस की राष्ट्रभक्ति की नई परिभाषा ? – अमित शाह

केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की सफलता से निराशा और हताश कांग्रेस गहरे अवसाद से ग्रस्त है। पार्टी और उसके नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस अवसाद की अवस्था में वो देश के समक्ष कैसे एक जिम्मेदार राजनीतिक दल की भूमिका निभायें। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी …

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जेएनयू के भारत विरोधी ! – संजय द्विवेदी

यह एक यक्ष प्रश्न है कि इतने बड़े विचारकों, विश्व राजनीति-अर्थनीति की गहरी समझ, तमाम नेताओं की अप्रतिम ईमानदारी और विचारधारा के प्रति समर्पण के किस्सों के बावजूद भारत का वामपंथी आंदोलन क्यों जनता के बीच स्वीकृति नहीं पा सका ? अब लगता है, भारत की महान जनता इनको पहले से ही पहचानती थी, इसलिए …

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’’प्रभु जी का थ्री एम रेल बजट’’ – रघु ठाकुर

रेलमंत्री सुरेश प्रभु का 2016-17 का रेल बजट आ चुका है,इस रेल बजट के बारे में समाचार पत्रों में आम तौर पर जो लेख आए है वे रेल बजट के पक्ष में है,और यह कहा जा रहा है कि यह लोक लुभावन नही बल्कि व्यावहारिक रेल बजट है।मेरे एक मित्र …

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शक्ति को सृजन में लगाएं मोदी-संजय द्विवेदी

पिछले कुछ दिनों से सार्वजनिक जीवन में जैसी कड़वाहटें, चीख-चिल्लाहटें, शोर-शराबा और आरोप-प्रत्यारोप अपनी जगह बना रहे हैं, उससे हम देश की ऊर्जा को नष्ट होता हुआ ही देख रहे हैं। भाषा की अभद्रता ने जिस तरह मुख्य धारा की राजनीति में अपनी जगह बनाई है, वह चौंकाने वाली है। …

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