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आलेख

‘किलिंग इंस्टिंक्ट’ पैदा करना कमलनाथ के लिए बड़ी चुनौती – अरुण पटेल

कांग्रेस आलाकमान ने इस उम्मीद के भरोसे पूर्व केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ को बतौर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष यह जिम्मेदारी सौंपी है कि डेढ़ दशक से चला आ रहा कांग्रेस का सत्ता से वनवास मध्यप्रदेश में समाप्त हो। इसके लिए पार्टी ने उनके साथ ही एक युवा चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी …

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सिक्स पैक्स बनाम चौबीस पसली : गरीब बनाता इलाज-खर्च – उमेश त्रिवेदी

इन दिनों, जबकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित कार्पोरेट जगत की जानी मानी हस्तियां सोशल मीडिया पर एक-दूसरे को चुनौती देते हुए ’हम फिट तो इंडिया फिट’ अभियान के तहत पूरे भारत को स्वस्थ अथवा फिट बनाने में जुटी हैं, हिंदी के महाकवि पंडित सूर्यकांत निराला की पचास-साठ साल पुरानी दो …

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मोदी के ‘फिटनेस-मार्केट’ में गरीब-राजनीति का खलल – उमेश त्रिवेदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश की नई जवानी को चुस्त-दुरुस्त और फिट रखने की नीयत से सुबह की अपनी कसरत का 1 मिनट 48 सेकण्ड का वीडियो ट्वीटर पर शेयर किया है। इस वीडियो को शेयर करने के बाद उन्होंने ’हम फिट तो इंडिया फिट’ अभियान के तहत थुल-थुल बदन …

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सत्ता की थाप पर थिरकती ‘डर्टी-पोलिटिक्स’ से पस्त लोकतंत्र – उमेश त्रिवेदी

पता नहीं, आम लोग खुद से और सत्ता के सूत्रधारों से यह सवाल क्यों नही पूछते कि एक भूतपूर्व मुख्यमंत्री क्या इतना कंगाल हो सकता है कि उसे अपना बंगला खाली करते वक्त उसके नलों की टोटियां और टाइल्स भी उखाड़ कर ले जाना पड़े अथवा क्या इस सामान का …

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घर के चिराग’ ही कहीं जला न डालें कांग्रेस का आशियाना – उमेश त्रिवेदी

जवाहरलाल नेहरू के राजनीतिक अवमूल्यन के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल के समकक्ष खड़े करना जहां संघ-जनित-भाजपा के एजेण्डे का पहला पाठ है, वहीं संघ के मंच पर प्रणव मुखर्जी को खड़ा करके गरजती तोपों की तरह उनका मुंह कांग्रेस की ओर मोड़ देना दूसरा पाठ है। राजनीति में सक्रिय, निष्क्रिय …

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गांधी-नेहरू परिवार को ‘एकाकी’ बनाने की रणनीति – उमेश त्रिवेदी

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऑफिसर ट्रेनिंग कैंप (ओटीसी) के तृतीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षान्त समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी की शिरकत पिछले दस-पंद्रह सालों में घटित वो राजनीतिक घटनाक्रम है, जिसका फलक व्यापक और गहरा है। राजनीतिक विमर्श में यह मास्टर-स्ट्रोक इसलिए है कि शायद पहली मर्तबा …

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संघ के कार्यक्रम में प्रणव दा की शिरकत के दूरगामी नतीजे – उमेश त्रिवेदी

देश की राजनीति में, खासतौर से कांग्रेस के हलकों में, इस सवाल का जवाब हमेशा सवाल बना रहेगा कि अपनी जिंदगी के साठ वर्षों तक कांग्रेस की ओर से आरएसएस और भाजपा विरोधी पोलिटिक्स करने वाले पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को नागपुर में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में …

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राहुल के ‘ब्रह्मास्त्र’ की क्या काट खोजेंगे म.प्र.में शिवराज ?–अरुण पटेल

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 6 जून को मंदसौर से कांग्रेस के चुनाव प्रचार अभियान की दिशा तय कर दी है और लगता है कि अब चुनाव तक प्रदेश में किसानों को लेकर ही कांग्रेस-भाजपा और अन्य राजनीतिक दलों में महासंग्राम छिड़ा रहेगा। सभी दलों का मकसद अधिक से अधिक …

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आंकड़ों की हकीकत में भाजपा के लिए गठबंधन क्यों जरूरी? – उमेश त्रिवेदी

लोकसभा चुनाव के साल भर पहले विपक्षी दलों की एकता के मद्देनजर एनडीए के सहयोगी दलों के साथ मोदी-सरकार के रिश्तों का राजनीतिक स्टॉक दुरूस्त करने की गरज से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों उन समस्याओं को टटोल रहे हैं, जो गठबंधन के आधार को कमजोर करती रही है। …

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म.प्र. में आपसी समन्वय और घर वापसी अभियान पर ‘दिग्विजय’- अरुण पटेल

पिछले दो दशक से भी अधिक समय से कांग्रेस की सबसे बड़ी समस्या गुटबंदी के दलदल में फंसा होना और सभी बड़े नेताओं के द्वारा अपनी-अपनी अंध-महत्वाकांक्षाओं के घोड़े अलग-अलग दिशाओं में दौड़ाना रहा है। यह आम धारणा कांग्रेसजनों के बीच है कि कांग्रेस को कांग्रेस ही हराती है। डेढ़ …

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