शिखर धवन ने पल्लेकेले टेस्ट के पहले ही दिन लंच के बाद शतक जमा दिया. धवन का यह टेस्ट क्रिकेट में छठा शतक है. धवन अपनी इस पारी के दौरान तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी करते नजर आए. उन्होंने अपने 100 रन महज 107 गेंदों में पूरे कर लिए. वैसे धवन …
Read More »कौन बनेगा करोड़पति में महिला क्रिकेट टीम, जीते छह लाख 40 हजार रुपये
अपने संघर्षपूर्ण खेल से देश के लोगों का दिल जीतने वाली महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी अब सबसे बड़े रियलिटी गेम शो कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के जरिए एक बार फिर लोगों के दिलों पर छाने जा रही हैं. इस टीम की कप्तान मिताली राज छह अन्य खिलाड़ियों के साथ …
Read More »न अजीत जोगी खारिज, न मोतीलाल वोरा-दिवाकर मुक्तिबोध
कांग्रेस बैठे-ठाले मुसीबत मोल न ले तो वह कांग्रेस कैसी? अपनों पर ही शब्दों के तीर चलाने वाले नेता जब इच्छा होती है, शांत पानी में एक कंकड़ उछाल देते है और फिर लहरे गिनने लग जाते हैं। छत्तीसगढ़ कांग्रेस में पिछले चंद महीनों से काफी कुछ ठीक-ठाक चल रहा …
Read More »आतंकवाद से कैसे लड़ें – संजय द्विवेदी
आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई कड़े संकल्पों के कारण धीमी पड़ रही है। पंजाब के हाल के वाकये बता रहे हैं कि हम कितनी गफलत में जी रहे हैं। राजनीतिक संकल्पों और मैदानी लड़ाई में बहुत अंतर है, यह साफ दिख भी रहा है। पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों के …
Read More »फसलों की कीमतों का उतार चढ़ाव बिचौलियों का खेल – रघु ठाकुर
भारत सरकार ने हाल में ही प्याज को निर्यात करने की अनुमति देने का फैसला किया।सरकार की ओर से यह कहा गया है कि किसानों को प्याज के दाम पर्याप्त मिल सके इसलिये प्याज को निर्यात करने का निर्णय किया गया।अभी कुछ ही माह पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय …
Read More »सांप्रदायिकता से कौन लड़ना चाहता है ? – संजय द्विवेदी
देश भर के तमाम हिस्सों से सांप्रदायिक उफान, गुस्सा और हिंसक घटनाएं सुनने में आ रही हैं। वह भी उस समय जब हम अपनी सुरक्षा चुनौतियों से गंभीर रूप से जूझ रहे हैं। एक ओर पठानकोट के एयरबेस पर हुए हमले के चलते अभी देश विश्वमंच पर पाकिस्तान को घेरने …
Read More »छात्र आंदोलन,खो गया है रास्ता -संजय द्विवेदी
हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमूला की आत्महत्या की घटना ने हमारे शिक्षा परिसरों को बेनकाब कर दिया है। सामाजिक-राजनीतिक संगठनों में काम करने वाले छात्र अगर निराशा में मौत चुन रहे हैं, तो हमें सोचना होगा कि हम कैसा समाज बना रहे हैं? किसी राजनीति या विचारधारा से सहमति-असहमति …
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