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आलेख

म.प्र में किसने बनाया कोलारस उपचुनाव को सिंधिया बनाम सिंधिया – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश में मुंगावली और कोलारस विधानसभा उपचुनावों की लड़ाई एक प्रकार से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के मध्य प्रतिष्ठा की बन गई है। वैसे इन दोनों उपचुनावों में भाजपा के लिए खोने को कुछ नहीं है जबकि सिंधिया के सामने सबसे बड़ी …

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लोग देख रहे है कि सुरक्षा के मामले में राजनीति कौन कर रहा है ?- उमेश त्रिवेदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दो सवालों पर उव्देलित होकर आरोप लगा रही है कि देश की सुरक्षा से जुड़े संवेदनशील मुद्दों पर कांग्रेस की भूमिका गैर-जिम्मेदार और देशहित में नहीं है। राहुल की जिद है कि मोदी-सरकार राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे में खुलासा …

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‘इंडिया-फर्स्ट’ पर भारी ‘ब्रेन ड्रेन’ और ‘वेल्थ ड्रेन’ का नया ट्रेण्ड – उमेश त्रिवेदी

राष्ट्रवाद की उग्र तकरीरों से भारत की तकदीर लिखने को आतुर लोगों के लिए न्यू वर्ल्ड वेल्थ की यह रिपोर्ट घोर चिंता का विषय होना चाहिए कि हर साल अपना देश छोड़कर विदेशों में बसने वाले करोड़पति भारतीयों की संख्या निरन्तर तेजी से बढ़ रही है। प्रतिभा-पलायन या ‘ब्रेन-ड्रेन’ की …

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बकौल वैश्विक-रिपोर्ट भारत का प्रजातंत्र दरक रहा है… उमेश त्रिवेदी

नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद जब पहली बार संसद की देहरी पर माथा टेका था, तो लगा था कि देश का प्रजातंत्र नई ऊचाइयां हासिल करेगा, लेकिन विडम्बना यह है कि उन्हीं के कार्यकाल में भारतीय प्रजातंत्र सबसे ज्यादा गिरावट के दौर से गुजर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय इकोनॉमिक …

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अमेठी में राहुल के सामने बढ़ रही हैं चुनौतियां – राज खन्ना

अमेठी में 1981 में स्व.राजीव गांधी के मुकाबले शरद यादव भारी अन्तर से चुनाव हारे थे। मतदान से मतगणना तक धांधली की शिकायत करते शरद यादव ने अमेठी में डटे रहने का निश्चय किया था। उन्होंने कुछ दिनों तक जनसरोकारों को लेकर धरना-प्रदर्शन जैसी कोशिशें की। फिर वह निराश हो …

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मोदी-थीसिस: ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के राजनीतिक-निहितार्थ – उमेश त्रिवेदी

लोकसभा में बजट-सत्र के पहले दिन अभिभाषण में राष्ट्रपति की दलीलों के बाद देश की सियासत में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की पुरानी थीसिस पुराने तथ्यों और नए तर्कों के साथ नई जिल्द में देश के सामने है। राष्ट्रपति की दलीलों पर राजनीतिक शास्त्रार्थ शुरू हो चुका है और पार्टियों …

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अक्षम्य त्रासदी: राजनीति में डमरू की तरह इस्तेमाल होते गांधी ? – उमेश त्रिवेदी

मंगलवार, 30 जनवरी 2018 को महात्मा गांधी की 70 वीं पुण्यतिथि पर जब गांधीवादी राजघाट पर राम-धुन के साथ उनका स्मरण करेंगे, तब उन्हें इन खतरों पर भी गौर करना चाहिए कि गांधीगीरी को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी ‘स्पेस’ अब तेजी से सिकुड़ रहा है। कासगंज की ताजा सांप्रदायिक …

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चुनाव आयोग में ‘ज्योति’ से कितनी बेहतर होगी ‘रावत’ की ज्वाला – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश कैडर के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी रहे ओम प्रकाश रावत ने भारत के निर्वाचन आयोग के मुखिया के तौर पर कमान संभाल ली है। उन्हें यह महत्वपूर्ण दायित्व मुख्य चुनाव आयुक्त ए.के. ज्योति के सेवानिवृत्त होने के बाद मिला है। पिछले कुछ समय से चुनाव आयोग को लेकर विश्वसनीयता और …

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परम्परावादी कांग्रेस स्वयं को बदलेगी या एम्बेसडर कार बनेगी – अरुण पटेल

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मुकाबले कांग्रेस किसी चेहरे को लेकर चुनाव लड़े या अपनी परम्परा के अनुसार सामूहिक नेतृत्व की परम्परा को आगे बढ़ाये। अभी भी कांग्रेस में चेहरा घोषित करने को लेकर अंतिम निर्णय नहीं हुआ है और कांग्रेस हाईकमान इस बात को लेकर पसोपेश में है। कुछ …

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सर्वोच्च न्यायालय की विश्वसनीयता खतरे में – रघु ठाकुर

समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया पर भी इस आशय के समाचार प्रकाशित हुये है कि भारत के मुख्य न्यायाधीश ने सभी न्यायाधीशों को चाय पर बुलाया तथा सर्वोच्च न्यायालय का अन्तर विवाद सुलझ गया है, मुझे खुशी होगी अगर यह खबर सही हो।क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीश श्री मदन …

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