महात्मा गांधी के नाम पर राजनीति के छल-प्रपंच देश की राजनीतिक आचार-संहिता का हिस्सा बन चुके हैं। कोई भी पार्टी इसमें पीछे नहीं है। गांधी के नाम पर होने वाली इन घटनाओं को लोग राजनीतिक हादसा मानकर अनदेखा भी करने लगे हैं। लेकिन जब साबरमती आश्रम, राजघाट या सेवा-ग्राम जैसे …
Read More »सजायाफ्ता सलमान की सनसनी में खूब बिका ‘स्टारडम’ – उमेश त्रिवेदी
सलमान खान की जमानत के बाद यह खबर कोफ्त पैदा करने वाली है कि जेल से छूटने के बाद उनके फैन्स ने राहों पर फूलों की पंखुरियां बिछाकर उनका स्वागत किया। स्टारडम के ये कसैले दृश्यो आंखों में किरकिरी और जहन में खलल पैदा करते हुए खुद को कुरेदने पर …
Read More »म.प्र. में ‘राजपथ’ पर विचरण का लालच संजोती ‘सियासी यात्राएं’-अरुण पटेल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की आहट अब साफ-साफ महसूस होने लगी है और राजनीतिक दल राजपथ पर विचरण की लालसा में तरह-तरह की यात्राएं निकाल रहे हैं। भाजपा किसान सम्मान यात्रा निकाल रही है तो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने कांग्रेस के बैनर …
Read More »भाजपा का ‘एटीट्यूड’, हिन्दुत्व का ‘फोल्ड’ तोड़ते दलित-सवाल – उमेश त्रिवेदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इर्द-गिर्द दलित राजनीति के कठिन सवालों का फंदा कसने लगा है। सबसे बड़ी दिक्कत दलितों की अस्मिता और आजीविका से जुड़े वो मसले हैं, जो भाजपा के सबसे बड़े रक्षा कवच हिन्दुत्व की राजनीतिक-खोल तोड़ कर बाहर निकल पड़े हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी …
Read More »मोदी-सरकार अविश्वास प्रस्ताव से क्यों मुंह चुरा रही है…? – उमेश त्रिवेदी
लोकसभा में बजट सत्र के बीते 21 दिनों की घटनाएं स्पष्ट तौर पर यह बयां करती हैं कि मोदी-सरकार विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने के लिए तैयार नहीं है। मोदी-सरकार के खिलाफ 16 मार्च को पेश अविश्वास प्रस्ताव बीस दिनों से अधर में लटका है। नियम-प्रक्रियाओं के झीने …
Read More »मोदी-राहुल के ‘हाय-हैलो’ में सिमटा लोकतंत्र का राष्ट्रीय विमर्श ! – उमेश त्रिवेदी
भारत के संसदीय लोकतंत्र के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का यह कथन काले तमगे के समान है कि पिछले चार वर्षों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके बीच महज दो-चार शब्दों मे सिमटे औपचारिक संवादों के अलावा कभी कोई बातचीत या परामर्श नहीं हुआ। लोकतंत्र की बुनियाद …
Read More »क्या लोकसभा एवं विधानसभा चुनाव हिंसा की ओर मोड़े जा रहे हैं ? – उमेश त्रिवेदी
अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर दलित समुदाय के हिंसक इजहार ने भारत को कांग्रेस मुक्त भारत का नारा देने वाली भारतीय जनता पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरों को गहरा कर दिया है। भारत में दलित समुदाय के बीस प्रतिशत वोटों के अंक-शास्त्र की रणनीतिक …
Read More »जिन्होंने ‘अमित’ की नहीं सुनी वे ‘सौदान’ की क्या सुनेंगे ? – अरुण पटेल
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर तीन दिन तक भोपाल में डेरा जमाये भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री सौदान सिंह की अनुभवी और पारखी नजरों ने इस बात को ताड़ने में तनिक भी गफलत नहीं की कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने तीन दिवसीय …
Read More »‘चीफ जस्टिस’ के साथ केन्द्र सरकार का ‘एच.ओ.डी’ जैसा व्यवहार ? – उमेश त्रिवेदी
फिलवक्त न्यायपालिका से जुड़ी यह खबर सनसनी के रस्सों पर सबसे ज्यादा गुलाटियां खा रही है कि कांग्रेस सहित अनेक विपक्षी दल सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ लोकसभा में महाभियोग का प्रस्ताव लाने की तैयारियां कर रहे हैं। दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कहानी अभी …
Read More »मीडिया पर पूंजी के ‘एकाधिकार’ और सरकार के ‘सर्वाधिकार’ का फंदा – उमेश त्रिवेदी
मध्य प्रदेश और बिहार में तीन पत्रकारों की सरेआम हत्या और मीडिया घरानों के खिलाफ कोबरा-पोस्ट के सनसनीखेज स्टिंग-ऑपरेशन की इबारत सीधे-सीधे मीडिया के बेबस बदनुना हालात को बंया करती है। घटनाएं कह रही हैं कि अभिव्यक्ति के मासूम परिन्दों को झपटने के लिए आकाश में गिध्दों की फौज ने …
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