Monday , December 2 2024
Home / छत्तीसगढ़ / छत्तीसगढ़: बारिश ने खराब निर्माण कार्य की खोली पोल

छत्तीसगढ़: बारिश ने खराब निर्माण कार्य की खोली पोल

छत्तीसगढ़ के बस्तर में बारिश से एक तरफ जहां नदी नाले उफान पर हैं जिससे आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है तो वहीं इस बारिश ने खराब निर्माण कार्य की भी पोल खोलकर रख दी है. छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में मौजूद कांगेर वैली नेशनल पार्क के अंदर मुनगाबहार नाला में विभाग के द्वारा हाल ही में चेक डेम बनाया गया है, ताकि चेक डेम के माध्यम से नाले के पानी को रोका जा सके और यहां के ग्रामीण इस पानी से खेती किसानी कर सकें, लेकिन इस डेम को बनाने के बाद लापरवाही बरतते हुए इसके दोनों तरफ केवल मिट्टी डालकर छोड़ दिया गया. बस्तर में हुई मूसलाधार बारिश से डेम के दोनों ओर की मिट्टी पूरी तरह से बारिश के पानी में बह गई, जिसके चलते अब एक छोर से दूसरे छोर पर आने जाने के लिए यहां के ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर दो लकड़ी के सहारे नाला पार करना पड़ रहा है.

सुकमा से भी आई ऐसी तस्वीर
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले से इस बारिश में ऐसी तस्वीरें निकलकर सामने आईं जिसे देखकर सब दंग रह गए. इन तस्वीरों में उफनते नाले पर कहीं पेड़ के सहारे से राशन ले जाते ग्रामीण, तो कहीं बिजली के तार से अस्थाई पुल बनाने के साथ साथ बड़े पतीले में बच्चों को डालकर उफनते नाले को पार करते ग्रामीण नजर आए. हालांकि ये सभी घोर नक्सल प्रभावित इलाकों की तस्वीरें थीं

जगदलपुर से भी आई ऐसी तस्वीर
बस्तर संभाग मुख्याल जगदलपुर में भी एक ऐसी ही तस्वीर निकलकर सामने आई है, जिसने वन विभाग के भ्रष्टाचार की पोल खोलकर रख दी है. वन विभाग की लापरवाही से ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर नाला पार करना पड़ रहा है. दरअसल ग्रामीणों को अपने गांव जाने आने जाने के लिए इस क्षेत्र में एक ही रास्ता है. ऐसे में ग्रामीणों को मजबूरी में इसी नाले में दो लकड़ियां डालकर पार करना पड़ रहा है. इसकी जानकारी वन विभाग के अफसरों को भी है, लेकिन अब तक इस डेम को पूरी तरह से बनाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है.

बारिश में बह गई दोनों ओर की मिट्टी
ग्रामीणों का कहना है कि खेती किसानी के लिए विभाग ने मुनगाबहार नाला में चेक डेम तो बना दिया, लेकिन डेम को दोनों ओर से कोई मजबूती नहीं दी गई और केवल मिट्टी पाट दिया गया. तेज  बारिश में डेम के दोनों ओर डाली गई मिट्टी पानी में पूरी तरह से बह गई, जिसके चलते गांव से मुख्य सड़क तक का रास्ता बंद हो जाने के चलते ग्रामीण इस नाले में दो लकड़ियां रखकर इसी के सहारे जान जोखिम में डालकर पुल को पार कर रहे हैं.