रविवार को भोपाल में मीडिया से मुखातिब कांग्रेस के महामंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सियासत के तारों को छेड़ते हुए गहरा सैध्दांतिक सुर साधा है कि संसदीय चुनाव में कांग्रेस के लिए कठिन सीटों पर बड़े और मजबूत नेताओं को लड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ऊंचा राजनीतिक आलाप लेते हुए …
Read More »सुल्तानपुर उम्मीद लगाए रहता है !! – राज खन्ना
चुनाव आते ही यह दर्द और शिद्दत से सामने आता है।दोहराया जाता है।उम्मीदें बन्धती हैं।फिर-फिर टूटती हैं।पूर्वांचल के तमाम अभावों-विपदाओं को समेटे है सुल्तानपुर।बुनियादी जरूरतें।अंतहीन समस्याएं।प्रकृति प्रदत्त और मानवजनित भी।अपनी कमियां हैं।प्रशासनिक खामियां हैं।राजनीतिक नेतृत्व की विफलता है।इन सबकी साझी गठरी ढो रही है यहां की बड़ी जरूरतमंद आबादी।पानी-बिजली।खेती-किसानी।पढ़ाई-दवाई।उद्योग शून्यता। …
Read More »म.प्र. में बड़ी चुनौती: पारिवारिक मोह छोड़ें या जिताऊ चेहरा तलाशें? – अरुण पटेल
लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा के साथ ही चुनावी बिसात बिछना तेज हो गया है और 26 सीटों पर काबिज भारतीय जनता पार्टी और तीन सीटों पर काबिज कांग्रेस के लिए अपने-अपने लक्ष्य की पूर्ति करने के लिए जिताऊ चेहरों की तलाश करना आसान नहीं है। जहां तक …
Read More »27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक-अरुण पटेल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने के पूर्व आनन-फानन में ओबीसी(अन्य पिछड़ा वर्ग) के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने का अध्यादेश जारी करा दिया है। कमलनाथ के इस मास्टर स्ट्रोक का मकसद मध्यप्रदेश में कांग्रेस के पक्ष में राज्य की …
Read More »साथ-साथ कैसे चलेंगे मॉब लिंचिंग और गांधीवाद – अरुण पटेल
गांधीवाद को लेकर पिछले कुछ सालों से अलग-अलग ढंग से व्याख्यायें सामने आती रहीं हैं। एक धड़ा वह है जो वास्तविक गांधी दर्शन और गांधीवाद के प्रति आचार-व्यवहार को समर्पित होकर उसे अंगीकार करने के विचारों से ओतप्रोत है तो दूसरा धड़ा ऐसे लोगों का है जो महात्मा गांधी के …
Read More »संघर्ष को रचनात्मकता देने वाले अनूठे नेता जॉर्ज फर्नांडिस – रघु ठाकुर
जॉर्ज फर्नांडिस से मेरा परिचय करीब 51साल से था। उनका जन्म मंगलूर के पास हुआ था और वे रोजगार की तलाश में 1949 में मुंबई आए थे। कोई रोजगार नहीं मिला तो उन्होंने एक चर्च में पादरी बनने का प्रयास किया लेकिन, पादरी भी वे नहीं बन पाए। जब एक …
Read More »बघेल सरकार का एक माह : आगे-आगे देखिए होता है क्या – दिवाकर मुक्तिबोध
17 जनवरी को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-राज की स्थापना को एक माह पूरा हो गया। 17 दिसंबर 2018 को भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। फिलहाल उनकी सरकार को फटाफट काम करने वाली सरकार मानना चाहिए जिसका लक्ष्य स्पष्ट है। पार्टी का घोषणा-पत्र उसके सामने है जिसके …
Read More »प्रियंका गांधी : बन्द मुट्ठी का इम्तेहान- राज खन्ना
पार्टी में किसी पद की औपचारिक जिम्मेदारी कुबूल करने में प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीस वर्ष का वक्त लिया।1999 में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के पहले लोकसभा चुनाव की अमेठी में जिम्मेदारी संभाली थी। 2004 से सोनिया के रायबरेली से चुनाव लड़ने और भाई राहुल गांधी के अमेठी से …
Read More »कमलनाथ ने किया अनुभव और समर्पण का सम्मान- अरुण पटेल
मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की कमान संभाले एक माह पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यालय में जो तीन संविदा नियुक्तियां की है उसको देखकर यह कहा जा सकता है कि अनुभव और समर्पण को उन्होंने सम्मानित किया है। अपने सलाहकार के रूप में राजेन्द्र कुमार मिगलानी और …
Read More »खच्चर-मुक्त घुड़साल के इंतज़ार में राहुल- पंकज शर्मा
तीन राज्यों में जीत के बाद खुद ही खुद की पीठ थपथपा रहे कांग्रेस के प्रादेशिक शिल्पकार अपनी गदगद-मुद्रा से अगर जल्दी ही बाहर नहीं आए तो अप्रैल-मई में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी से होने वाले मल्ल-युद्ध में वे कहीं लड़खड़ा न जाएं! इसलिए कि विधानसभा चुनावों की जीत …
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