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आलेख

अवधारणा बदलने में कितने कामयाब होंगे कमलनाथ?- अरुण पटेल

राजनीति में जनमानस के बीच बन रही अवधारणा (परसेप्शन) काफी मायने रखती है और यदि एक बार कुछ सवाल उठने लगें तो उनका समाधान जितनी जल्दी हो वह कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार के लिए नितान्त आवश्यक है। यह इसलिए जरुरी है कि तीन माह के भीतर लोकसभा …

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मध्यप्रदेश में सत्ता विकेन्द्रीकरण का केन्द्र बनते कमलनाथ – अरुण पटेल

पिछले कुछ दशकों से मध्यप्रदेश की राजनीति में सत्ता का वास्तविक केन्द्र मुख्यमंत्री सचिवालय हुआ करता था, लेकिन अब जबकि सत्ता की कमान कमलनाथ के हाथों आई है तो उन्होंने पुराने ढर्रे पर चली आ रही प्रशासनिक व्यवस्था और राजनैतिक शैली के बदलाव का वाहक बनने का बीड़ा उठा लिया …

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मध्यभारत, मालवा-निमाड़ ने भाजपा व विंध्य ने कांग्रेस को किया निराश – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हमेशा निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राजनीति को कलाकारी की राजनीति कहते रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक बिसात से शिवराज की इस राजनीतिक धारा को पीछे छोड़ते हुए डेढ़ दशक बाद कांग्रेस को वनवास से मुक्ति दिलाने के साथ ही सत्ता साकेत में विचरण का …

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म.प्र.- टी-20 की तरह रही कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की लड़ाई- अरुण पटेल

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार सत्ताधारी दल भाजपा और सत्ता के लिए पूरी ताकत से दावेदारी कर रही कांग्रेस के बीच चुनावी मुकाबला इस कदर कांटेदार रहा कि अंतिम समय तक टी-20 क्रिकेट की तरह रोमांच बना रहा। कभी कांग्रेस का वनवास समाप्त होता नजर आया तो कभी भाजपा …

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#मिशन_65_प्लस_क्या_फ्लाप ? – दिवाकर मुक्तिबोध

छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी? भाजपा की या कांग्रेस की? दस दिसंबर तक न थमने वाली इन चर्चाओं के बीच केवल एक ही बात दावे के साथ कही जा सकती है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का मिशन 65 प्लस औंधे मुँह गिरने वाला है। उन्होंने प्रदेश भाजपा …

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भाजपा को रोकने में जुटे राहुल की अपनी अमेठी में घेराबंदी- राज खन्ना

पांच राज्यों में कांग्रेस की वापसी की कोशिशों में जुटे राहुल गांधी की अपनी अमेठी में भाजपा की घेराबंदी तेज है। 2014 में हार के बाद भी स्मृति ईरानी अमेठी की ओर से उन्हें आश्वस्त नही होने दे रहीं। उनकी पार्टी और राज्य-केंद्र की सरकारें उनके साथ हैं। लोकसभा में …

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वादे,वचन और घोषणाओं के सपने बेचने में कौन होगा सफल? – अरुण पटेल

भाजपा दृष्टि पत्र, कांग्रेस वचन पत्र तथा आम आदमी पार्टी शपथ पत्र पर लोकलुभावन वादों और सुनहरे भविष्य का इन्द्रधनुषीय सपना दिखाकर मतदाताओं का दिल जीतने की कोशिश कर रहे है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जनआशीर्वाद यात्रा के मीडिया प्रभारी तथा राज्य खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविन्द मालू …

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म.प्र. में 28 नवम्बर को किसके सिर सजेगा ताज और कौन होगा बेताज – पटेल

पुरानी फिल्म हरियाली और रास्ता का यह एक मशहूर गाना है कि-इब्तदाए इश्क में सारी रात जागे अल्ला जाने क्या होगा आगे, मौला जाने क्या होगा आगे। इस गाने को कुछ बदल कर इस प्रकार मौजू माना जा सकता है कि-कुर्सी के इश्क में  सारी रात जागे अल्ला जाने क्या …

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नक्सल समस्या – डा.रमन के पास जादू की छड़ी? – दिवाकर मुक्तिबोध

छत्तीसगढ वर्षं 2022 तक नक्सल-मुक्त हो जाएगा? इस पर कोई कैसे भरोसा करे? लेकिन मुख्यमन्त्री डा. रमन सिंह आश्वस्त हैं। उनके विश्वास पर विश्वास करें तो अगले चार सालों में चार दशक से अधिक पुरानी इस राष्ट्रीय समस्या का कम से कम छत्तीसगढ से जरुर खात्मा हो जाएगा। यह अलग …

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कहीं आंसुओं के सैलाब में डूबे तो कहीं गुस्से से लाल-पीले होते नेता – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश में मौजूदा विधानसभा चुनाव में जिस ढंग से उम्मीदवार अंगने बदल रहे हैं या बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं उस ढंग से कम से कम भारतीय जनता पार्टी में कभी देखने में नहीं आया। कांग्रेस में इस बार ऐसे नजारे पहले की तुलना में काफी …

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