Saturday , October 11 2025

आलेख

छत्तीसगढ़ में क्या चौथी बार भी रमन ?-दिवाकर मुक्तिबोध

गुजरात लगातार 6वीं बार फतह के बाद भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व भले ही संतोष का अनुभव करें लेकिन यह बात स्पष्ट है कि अगले वर्ष छत्तीसगढ़ सहित चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की राज्य इकाइयों पर दबाव कुछ और बढ़ गया है। यदि पार्टी गुजरात चुनाव …

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2-जी स्पैक्ट्रम: देश की गुमराह राजनीति और माफीनामे की बातें – उमेश त्रिवेदी

सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में 2-जी घोटाले के सभी आरोपियों के दोषमुक्त हो जाने के बाद देश को एक महती सवाल का उत्तर ढूंढना होगा कि भारत में पक्ष-विपक्ष के राजनीतिक आरोपों की जवाबदेही और राजनीतिक-विमर्श का अनुशासन क्या होना चाहिए ?  पिछले चार दिनों से संसद में कामकाज इसलिए …

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गुजरात की जीत में मोदी के लिए छिपी भावी चुनौतियां – उमेश त्रिवेदी

गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों में कुछ भी अप्रत्याशित नही है, सिवाय इसके कि कांग्रेस अपनी हार के बियाबान में उम्मीदों की बांसुरी बजा सकती है, जबकि भाजपा राजनीतिक-तराने गा सकती है कि अनिश्चय की लहरों  से जूझने के बावजूद आखिरकार उसे साबरमती का किनारा मिल ही गया। गुजरात के …

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हिमाचल की खुशी एवं गुजरात की राहत – राज खन्ना

मोदी की झोली में दो और जीत। उधर राहुल की फिर हार। मोदी और भाजपा के पास खुश होने के वाजिब कारण हैं लेकिन गुजरात की कठिन लड़ाई के सन्देश समझना भी उसके लिए जरूरी है। उधर राहुल और कांग्रेस को फिर समझना होगा कि सिर्फ गांधी-नेहरू परिवार की विरासत …

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गुजरात चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के लिए ‘लर्निंग-पॉइंट’ -उमेश त्रिवेदी

सोमवार को यह धुंधलका साफ हो जाएगा कि साबरमती नदी के किनारे अहमदाबाद में गुजरात का मुकुट किसके सिर पर सजेगा? ‘एग्जिट-पोल’ के बाद जनता भाजपा-कांग्रेस के बीच हार-जीत के मार्जिन के बारे में सोच रही है। लेकिन जीत के मार्जिन पर होने वाली बहस देश के दूरगामी राजनीतिक-हितों की …

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क्या ज्योतिरादित्य के गढ़ में सेंध लगा पाएंगे शिवराज – अरुण पटेल

मुंगावली और कोलारस दोनों विधानसभा उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा कार्यक्रम की घोषणा कभी भी की जा सकती है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और कांग्रेस सांसद पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी से पूरी तरह अपने-अपने पक्ष में जनमानस को मोड़ने के लिए ताकत लगाने …

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बड़प्पन के अभाव में जूझता जनतंत्र – पंकज शर्मा

बड़प्पन की कमी दोनों में ही है। केंब्रिज विश्वविद्यालय की उपाधि गले में लटकाए घूम रहे 76 साल के मणिशंकर वैद्यनाथ अय्यर में भी और अपनी स्नातक उपाधि विवाद में डूब-उतरा रहे 67 साल के नरेंद्र दामोदर दास मोदी में भी। हमारा बेचारा जनतंत्र इन दोनों की धींगामुश्ती में लगे …

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चुनाव में पाकिस्तानी-साजिश : देश मोदी पर विश्वास करे या नहीं…?- उमेश त्रिवेदी

गुजरात विधानसभा के दूसरे चरण के चुनाव अभियान की पूर्णाहुति 12 दिसम्बर की शाम को होने वाली है, लेकिन अर्ध्द-सत्य पर आधारित राजनीति की प्रेत-कथाओं से भयभीत लोग आशंकित हैं कि पता नहीं अगले चौबीस घंटों में कौन सा बेताल बाहर निकल कर लोकतंत्र की समूची मर्यादाओं का चीर-हरण करने …

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बैंकों के ‘बेड-लोन’ की गाज आम आदमी के ‘डिपॉजिट्स’ पर गिरेगी? – उमेश त्रिवेदी

मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में एक ऐसा बिल प्रस्तुत करने जा रही है, जिसके बाद यह कहना मुश्किल है कि बैंकों में जमा आपकी जिंदगी भर की कमाई में कितना हिस्सा बैंको का होगा और बैंक कितना पैसा आपको लौटाएंगी? बिल के खिलाफ मुंबई की शिल्पाश्री ने ‘चेंज …

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आखिर कब तक न्यायालय से भागते रहेंगे लालसिंह आर्य – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में लाख टके का यह सवाल उत्तर की तलाश में है कि आखिरकार कब तक सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री लालसिंह आर्य भिण्ड के विशेष न्यायाधीश द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के चलते न्यायालय से भागते रहेंगे और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कब नैतिक साहस दिखाते हुए उनसे त्यागपत्र …

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