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आलेख

20 अक्टूबर 1962 को हुए चीनी हमले के 57 साल बाद ? -राज खन्ना

पराजय-अपमान से जुड़ी तारीखें कौन याद रखना चाहेगा ? पर उनसे मुँह चुराना भारी पड़ता है। चीनी हमले की तारीख 20 अक्टूबर 1962 को इसी लिए याद किया जाना चाहिए। सीख-सबक के लिए। याद रखने के लिये के लिए कि वक्त पर मिली चेतावनी की अनदेखी की देश को कितनी …

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हनी ट्रैप कांड और पुरूषवादी समाज – रघु ठाकुर

पिछले लगभग एक माह से म.प्र. की राजनीति और मीडिया में हनी ट्रैप कांड प्रमुखता पर है, ऐसे कांड का प्रमुखता से होना स्वाभाविक भी है, क्योंकि प्रदेश की राजनीति पर इसके कई प्रकार के प्रभाव संभावित है। हनी ट्रैप कांड जैसे कांड बंधे समाज में एक हलचल पैदा करते …

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भूपेश बघेलःसांस्कृतिक राजनीति का नया चेहरा – दिवाकर मुक्तिबोध

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर भाजपा को आइना दिखाने का काम यदि किसी ने किया है तो वे भूपेश बघेल हैं, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री। गांधी जी के नाम की माला जपकर राजनीतिक रोटी सेंकने की भाजपा की कोशिश को उस समय बडा धक्का लगा जब भूपेश बघेल ने भाजपा …

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जेपी और संघ-जनसंघ – राज खन्ना

(जयप्रकाशजी (जेपी) की जयंती 11 अक्टूबर पर विशेष) जेपी -जनसंघ एक आशे ( जेपी -जनसंघ एक हैं )।तब कलकत्ता में लगे ये पोस्टर कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी ) की जेपी के प्रति नाराजगी का इजहार कर रहे थे। पार्टी के तत्कालीन महासचिव ई.एम.एस. नम्बूदरीपाद जयप्रकाश नारायण ( जेपी) से मुलाकात …

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बापू के डेढ़ सौ साल और कांग्रेस-राज खन्ना

बापू के रास्ते चलें न चलें, उनकी चर्चा होती रहती है। देखने-सुनने में उनकी बातें और सीख भले सरल-सहज लगें। पर आचरण में उतारना उतना ही जटिल। और ऐसा नही कि उनके जाने के बाद ऐसा हुआ। जीवनकाल में ही बापू को इसका अहसास भी हो गया था। आजादी नजदीक …

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नसीहत के ‘दीपक’ से रोशन होगा कांग्रेसी कुनबा – अरुण पटेल

पन्द्रह साल के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं की अपेक्षा और उम्मीद यह थी कि जब पार्टी सत्ता में आई है तो पुरानी कार्य-संस्कृति और शासन-प्रशासन के उस रवैये में बदलाव का अहसास होगा जिसका दंश वे डेढ़ दशक से भुगत रहे थे। कार्यकर्ताओं की पीड़ा बेबसी और मनोभावों को पूरी शिद्दत …

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किसान का कर्ज : समस्या व निदान -रघु ठाकुर

किसानों और खेती की स्थिति लगभग हर वर्ष पीड़ा दायक रहती है, क्योंकि कृषि लगभग प्रकृति पर निर्भर है। किसानों और कृषि क्षेत्र के समक्ष निम्न प्रकार के संकट आते हैं :- सूखा, 2. बाढ़़,   3. ओलावृष्टि,   4. अति वृष्टि,   5. कीड़ों का प्रकोप,   6. तुषार (पाला), शायद ही कोई …

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कश्मीर समस्या ; नजरिया कर्ण सिंह का – राज खन्ना

जम्मू-कश्मीर का भारत में विलय। उस समय के हालात। राजा हरि सिंह , शेख अब्दुल्ला, पण्डित नेहरू,सरदार पटेल आदि की उसमे भूमिका समझने के लिए एक नजरिया डॉक्टर कर्ण सिंह का भी है। राजा हरि सिंह के इकलौते पुत्र कर्ण सिंह आजादी के बाद अगले अट्ठारह साल वहां के रीजेंट …

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कांग्रेस एक बार फिर सोनिया गांधी के हवाले – राज खन्ना

राहुल गांधी और कांग्रेसी दोनों ही फैसले पर अटल रहे। दोनों की बात मान ली गई। राहुल अध्यक्ष नही रहेंगे। पर पार्टी की इच्छा के मुताबिक अध्यक्ष गांधी परिवार से ही रहेगा। सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी स्वीकार कर ली है। 134 वर्ष पुरानी कांग्रेस पार्टी में अध्यक्ष …

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कश्मीर ; लड़ाई का अगला चरण- राज खन्ना

अटकलें सच निकलीं। पर अनुमान से आगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने साहसिक फैसलों के लिए जाने जाते हैं। कश्मीर के सवाल पर फिर उसकी बानगी दिखी। फिलहाल कोई चुनाव नही है। इसलिए फैसले को वोट की राजनीति से शायद ही जोड़ा जा सके। बेशक अनुच्छेद 370 का खात्मा भाजपा के …

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