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आलेख

प्रियंका गांधी : बन्द मुट्ठी का इम्तेहान- राज खन्ना

 पार्टी में किसी पद की औपचारिक जिम्मेदारी कुबूल करने में प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीस वर्ष का वक्त लिया।1999 में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के पहले लोकसभा चुनाव की अमेठी में जिम्मेदारी संभाली थी। 2004 से सोनिया के रायबरेली से चुनाव लड़ने और भाई राहुल गांधी के अमेठी से …

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कमलनाथ ने किया अनुभव और समर्पण का सम्मान- अरुण पटेल

मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की कमान संभाले एक माह पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यालय में जो तीन संविदा नियुक्तियां की है उसको देखकर यह कहा जा सकता है कि अनुभव और समर्पण को उन्होंने सम्मानित किया है। अपने सलाहकार के रूप में राजेन्द्र कुमार मिगलानी और …

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खच्चर-मुक्त घुड़साल के इंतज़ार में राहुल- पंकज शर्मा

तीन राज्यों में जीत के बाद खुद ही खुद की पीठ थपथपा रहे कांग्रेस के प्रादेशिक शिल्पकार अपनी गदगद-मुद्रा से अगर जल्दी ही बाहर नहीं आए तो अप्रैल-मई में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी से होने वाले मल्ल-युद्ध में वे कहीं लड़खड़ा न जाएं! इसलिए कि विधानसभा चुनावों की जीत …

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भाजपा सरकारों की वित्तीय अनियमितता बनेगी कांग्रेस का हथियार – अरुण पटेल

भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) के ताजा प्रतिवेदन में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डा.रमनसिंह के कार्यकाल के दौरान हजारों करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। उसको लेकर कांग्रेस सरकारें दोनों ही राज्यों में पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों की तगड़ी घेराबंदी का कोई …

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कमलनाथ, दिग्विजय, सिंधिया और सभा-पर्व- पंकज शर्मा

मैं इस हफ्ते भोपाल में था। भोपाल का ताल पंद्रह बरस बाद हिलोरें ले रही नई सियासी-तालों से ताल मिलाने के लिए पांव थिरका रहा है। जिन्हें लगता था कि अपने राजनीतिक जीवन के चार दशक रायसीना की पहाड़ियों पर तफ़रीह में गुज़ार देने वाले कमलनाथ भोपाल के टीलों पर …

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अवधारणा बदलने में कितने कामयाब होंगे कमलनाथ?- अरुण पटेल

राजनीति में जनमानस के बीच बन रही अवधारणा (परसेप्शन) काफी मायने रखती है और यदि एक बार कुछ सवाल उठने लगें तो उनका समाधान जितनी जल्दी हो वह कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार के लिए नितान्त आवश्यक है। यह इसलिए जरुरी है कि तीन माह के भीतर लोकसभा …

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मध्यप्रदेश में सत्ता विकेन्द्रीकरण का केन्द्र बनते कमलनाथ – अरुण पटेल

पिछले कुछ दशकों से मध्यप्रदेश की राजनीति में सत्ता का वास्तविक केन्द्र मुख्यमंत्री सचिवालय हुआ करता था, लेकिन अब जबकि सत्ता की कमान कमलनाथ के हाथों आई है तो उन्होंने पुराने ढर्रे पर चली आ रही प्रशासनिक व्यवस्था और राजनैतिक शैली के बदलाव का वाहक बनने का बीड़ा उठा लिया …

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मध्यभारत, मालवा-निमाड़ ने भाजपा व विंध्य ने कांग्रेस को किया निराश – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हमेशा निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राजनीति को कलाकारी की राजनीति कहते रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक बिसात से शिवराज की इस राजनीतिक धारा को पीछे छोड़ते हुए डेढ़ दशक बाद कांग्रेस को वनवास से मुक्ति दिलाने के साथ ही सत्ता साकेत में विचरण का …

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म.प्र.- टी-20 की तरह रही कांग्रेस-भाजपा के बीच कांटे की लड़ाई- अरुण पटेल

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में पहली बार सत्ताधारी दल भाजपा और सत्ता के लिए पूरी ताकत से दावेदारी कर रही कांग्रेस के बीच चुनावी मुकाबला इस कदर कांटेदार रहा कि अंतिम समय तक टी-20 क्रिकेट की तरह रोमांच बना रहा। कभी कांग्रेस का वनवास समाप्त होता नजर आया तो कभी भाजपा …

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#मिशन_65_प्लस_क्या_फ्लाप ? – दिवाकर मुक्तिबोध

छत्तीसगढ़ में किसकी सरकार बनेगी? भाजपा की या कांग्रेस की? दस दिसंबर तक न थमने वाली इन चर्चाओं के बीच केवल एक ही बात दावे के साथ कही जा सकती है कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का मिशन 65 प्लस औंधे मुँह गिरने वाला है। उन्होंने प्रदेश भाजपा …

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