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आलेख

भाजपा की यह हार बनेगी 2019 में विपक्षी एकता का सबब – उमेश त्रिवेदी

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर और फूलपुर के साथ बिहार के अररिया लोकसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी या राष्ट्रीय जनता दल की जीत से ज्यादा गहरे मायने भाजपा की हार में छिपे हैं। अगले कई दिनों तक यह मीमांसा चलने वाली है। विभिन्न टीवी स्क्रीनों पर इन मीमांसाओं के पहले दौर …

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‘रॉक-स्टार’ राजनीति में ‘सादगी’ रोल-मॉडल कैसे हो सकती हैं ? – उमेश त्रिवेदी

भाजपा से हारने के बाद भी त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणक सरकार की सादगी, शालीनता और ईमानदार शख्सियत के बारे में मीडिया लगातार कुछ न कुछ लिख रहा है। सोने के तख्त पर विराजमान राजनीति के वर्तमान दौर में एक आदर्श के रूप में माणिक सरकार का उल्लेख उम्मीदों को …

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म.प्र. में ‘तू डाल-डाल तो मैं पात-पात’ चलते ‘अजय’ और ‘शिवराज’- अरुण पटेल

किसी भी राज्य सरकार और प्रतिपक्ष के लिए अंतिम बजट सत्र अपने-आप में काफी मायने रखता है, क्योंकि यही अवसर होता है जब दोनों विधानसभा के अंदर एक-दूसरे की घेराबंदी करते हुए उस पर बढ़त बनाने की कोशिश करते हैं। सरकार अंतिम वर्ष में मतदाताओं का दिल जीतने के लिए …

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न्यू इंडिया के लिए नया पैगाम: ‘इन्सां का इन्सां से हो भाईचारा – उमेश त्रिवेदी

त्रिपुरा में मार्क्सवादियों का किला ढहने के बाद ब्लादिमिर लेनिन की मूर्तियों के जमींदोज होने की कहानी में, तमिलनाडु में पेरियार की मूर्ति के साथ राजनीतिक खिलवाड़ ने दिलचस्प, किन्तु गंभीर सवाल चस्पा कर दिये हैं। सवाल राजनेताओं के साथ-साथ आम-जनता के राजनीतिक-सोच की संकीर्णता और नासमझी की कलई खोलते …

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‘पेरियार’ की मूर्ति तोड़ने के बाद भाजपा का राजनीतिक भूल-सुधार – उमेश त्रिवेदी

मुद्दा यह नहीं है कि आज देश के किस हिस्से में, कौन से इलाके में भारत के इतिहास में अपना विशेष स्थान रखने वाले नेताओं की मूर्तियों को तहस-नहस किया जा रहा है? सवाल यह है कि इस नफरत की बुनियाद क्या है? अथवा दुनिया भर में एक विशिष्ट कालखंड …

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उत्तर-पूर्व में भाजपा की विजय राजनीति में दूसरा ‘टर्निंग-पॉइंट’ – उमेश त्रिवेदी

उत्तर-पूर्व के तीन राज्यों नागालैंड, मेघालय और त्रिपुरा में भाजपा की जीत भारतीय राजनीति में दूसरा टर्निंग-पॉइंट है, जिसने देश की वैचारिक-राजनीति को उस चौराहे पर खड़ा कर दिया है, जहां अमीरी-गरीबी, धर्म-संप्रदाय और मानवीय सरोकारों से जुड़े वैचारिक-अभियानों को अपनी दिशाएं सुनिश्चित करने के लिए अपने राजनीतिक-कम्पास को ‘रि-केलीब्रेट’ …

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं और हाईकमान के बीच सेतु बनते बावरिया – अरुण पटेल

अटेर, चित्रकूट, मुंगावली और कोलारस में अपनी सीटें बचाने में कामयाब रहने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के हौसले हिमालयीन उछाल मारने लगे हैं और उनके मन में यह भरोसा पैदा हो रहा है कि शिवराज के आभामंडल का कांग्रेस एक सीमा तक सामना करने में सफल हो रही है। …

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राजनीति के आकाश में एंटोनी के साथ रफाल का नया ‘टेक-ऑफ’ – उमेश त्रिवेदी

बैंक-घोटालों की गर्दिशों में फंसी मोदी-सरकार के सामने भ्रष्टाचार के मुद्दों का आकार लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले दिनों भाजपा के पुराने सहयोगी, शिवसेना के प्रमुख उध्दव ठाकरे ने आशंका व्यक्त की थी कि पीएनबी में नीरव मोदी के महाघोटाले के शोर में कहीं फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों …

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राजनीतिक मोक्ष के लिए कैसे हो नीरव मोदी से रिश्तों का पिंड-दान ? – उमेश त्रिवेदी

पंजाब नेशनल बैंक में 11300 करोड़ की स्कैम में भाजपा के लिए सबसे बड़ी परेशानी का सबब यह है कि वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से घोटालों के मुख्य आरोपी नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी के जग-जाहिर रिश्तों का पिंड-दान करके राजनीतिक-मोक्ष कैसे प्राप्त करे? कर्नाटक के विधानसभा चुनाव …

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गुजरात के ‘गुल’ को मप्र में ‘गुलजार’ करने में भिड़ी कांग्रेस – अरुण पटेल

डेढ़ दशक बाद सत्ता में वापसी का सपना कांग्रेस की आंखों में लंबे समय से तैरता उतराता रहा है। इस बार कांग्रेस ने चुनाव लड़ने की जो रणनीति बनाई है उसमें वह गुजरात के चुनावी फॉर्मूले की प्रयोगशाला के सहारे अपना सपना साकार करने के बारे में सोच रही है। …

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