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आलेख

ट्रम्प-किमजोंग : क्या एक ‘पागल’ दूसरे ‘पागल’ से डरता है ?- उमेश त्रिवेदी

वैसे तो भारत में भी लोगों को हैरान करने वाली घटनाएं कुछ कम नहीं घट रही हैं, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और उत्तरी कोरिया के शासक किम जोंग के बीच जारी ‘बड़े’ परमाणु बम और ‘छोटे’ परमाणु बम की धमकियों ने चर्चाओं का रुख अपनी ओर मोड़ लिया है। …

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कानून के अकेले प्रयास से नहीं रोक पायेंगें नारी उत्पीड़न को – रघु ठाकुर

16 दिसम्बर 2017 को देशभर में और विशेषतः बड़े शहरों में निर्भया दिवस मनाया गया। निर्भया दिवस इसलिए कि वर्ष 2012 में दिल्ली में एक लड़की के साथ बलात्कार हुआ था और इसके खिलाफ समूचे देश में एक आक्रोश पनपा था। उस समय केन्द्र में यू0पी0ए0 की सरकार थी तथा …

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सेवा-संघर्ष के जरिये बनी संजय सिंह की पहचान – राज खन्ना

आम आदमी पार्टी(आप) के नेता संजय सिंह सड़कों पर संघर्ष करते हुए राज्यसभा की देहरी पर पहुंचे हैं। लगातार दो दशकों तक संजय सिंह ने अपने गृह जनपद सुलतानपुर और उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों पर जनसरोकारों को लेकर जमीनी लड़ाइयां लड़ी हैं। अन्ना आंदोलन ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर …

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200 साल पुराने युध्द के बहाने वर्तमान को बांटने की कोशिशें – उमेश त्रिवेदी

पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव युध्द की 200वीं सालगिरह पर आयोजित जश्न में पनपी हिंसा ने देश में सामाजिक-समरसता की राहों को नए जातीय तनाव की ओर मोड़ दिया है। एक जनवरी 1818 के दिन भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने चितपावन ब्राम्हण पेशवा बाजीराव व्दितीय की …

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म.प्र. में भाजपा और कांग्रेस के सामने सत्ता में बने रहने और आने की चुनौती – अरुण पटेल

मध्यप्रदेश में नया साल भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए चुनौतियों से भरा रहेगा, क्योंकि यह वही साल है जब मिशन 2018 की सफलता के लिए दोनों दल एड़ी-चोटी का जोर लगाने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेंगे। भाजपा के सामने लगातार चौथी बार सत्ता में बने रहने का लक्ष्य …

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वर्ष 2018: क्यों बीता समय आने वाले वक्त को डरा रहा है ? – उमेश त्रिवेदी

साल भर राजनीति के खारे पानी में गोताखोरी के बाद 2017की लंबी परछाइयां समय की लहरों पर गहरे लंगर डालकर कुछ इस कदर जमी बैठी हैं कि 2018 की रोशन सुबह की खुशियों के आगे अंधेरों का पर्दा दहशतजदा करता सा महसूस होता हैं। साल के आखिरी दिनों में नए …

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टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए नोट छापने वाली प्रेस जरूरी – उमेश त्रिवेदी

धीरूभाई अंबानी के दूसरे पुत्र अनिल अंबानी के इस मशविरे को उनकी कुंठा कहेंगे या तजुर्बा कि भारत में टेलीकॉम-इंडस्ट्री में जिंदा रहने के लिए आपके और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की नोट छापने वाली प्रिंटिग प्रेस के बीच नोट-सप्लाई करने वाली पाइप-लाइन होना चाहिए। अनिल अंबानी का यह ऑब्जर्वेशन …

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राहुल गांधी की ‘राजनीतिक-रेसिपी में स्वामी के आंकड़ों का ‘तड़का’ – उमेश त्रिवेदी

भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी भले ही खुद कभी न चौंकें, लेकिन दूसरे राजनेताओं को चौंकाने में वो माहिर हैं। अहमदाबाद में चार्टर्ड अकाउंटेंटों के आयोजन में स्वामी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली सहित समूची मोदी-सरकार को यह कहते हुए चौंका दिया कि केन्द्र-सरकार द्वारा जारी जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े …

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विपक्ष को सन्मति देने की राम –धुन गाने का समय- पंकज शर्मा

ऊपर-ऊपर से कुछ भी कहें, मगर भीतर-भीतर तो नरेंद्र भाई मोदी भी यह समझ गए हैं कि गुजरात तो उनके चंगुल से चला गया है। तकनीकी-रेखा से चूंकि सात सीटें भारतीय जनता पार्टी को ज़्यादा मिल गई हैं तो सरकार तो बन गई, लेकिन नाचता मोर अपने पंजों को देख …

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2-जी स्पैक्ट्रम: काले धन के पाताल-लोक में दैत्यों का नया अवतार – उमेश त्रिवेदी

सीबीआई की विशेष अदालत में 1 लाख 76 हजार करोड़ के 2-जी स्पैक्ट्रम घोटाले में सभी आरोपियों के छूट जाने के बाद यह खबर आम जनता के मन में कोई गुदगुदी या उम्मीदें पैदा नहीं कर पा रही है कि समाजसेवी अण्णा हजारे 23 मार्च 2018 में एक मर्तबा फिर …

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