जॉर्ज फर्नांडिस से मेरा परिचय करीब 51साल से था। उनका जन्म मंगलूर के पास हुआ था और वे रोजगार की तलाश में 1949 में मुंबई आए थे। कोई रोजगार नहीं मिला तो उन्होंने एक चर्च में पादरी बनने का प्रयास किया लेकिन, पादरी भी वे नहीं बन पाए। जब एक …
Read More »बघेल सरकार का एक माह : आगे-आगे देखिए होता है क्या – दिवाकर मुक्तिबोध
17 जनवरी को छत्तीसगढ़ में कांग्रेस-राज की स्थापना को एक माह पूरा हो गया। 17 दिसंबर 2018 को भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। फिलहाल उनकी सरकार को फटाफट काम करने वाली सरकार मानना चाहिए जिसका लक्ष्य स्पष्ट है। पार्टी का घोषणा-पत्र उसके सामने है जिसके …
Read More »प्रियंका गांधी : बन्द मुट्ठी का इम्तेहान- राज खन्ना
पार्टी में किसी पद की औपचारिक जिम्मेदारी कुबूल करने में प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीस वर्ष का वक्त लिया।1999 में उन्होंने अपनी मां सोनिया गांधी के पहले लोकसभा चुनाव की अमेठी में जिम्मेदारी संभाली थी। 2004 से सोनिया के रायबरेली से चुनाव लड़ने और भाई राहुल गांधी के अमेठी से …
Read More »कमलनाथ ने किया अनुभव और समर्पण का सम्मान- अरुण पटेल
मुख्यमंत्री कमलनाथ को प्रदेश की कमान संभाले एक माह पूरा हो गया है। इस दौरान उन्होंने अपने कार्यालय में जो तीन संविदा नियुक्तियां की है उसको देखकर यह कहा जा सकता है कि अनुभव और समर्पण को उन्होंने सम्मानित किया है। अपने सलाहकार के रूप में राजेन्द्र कुमार मिगलानी और …
Read More »खच्चर-मुक्त घुड़साल के इंतज़ार में राहुल- पंकज शर्मा
तीन राज्यों में जीत के बाद खुद ही खुद की पीठ थपथपा रहे कांग्रेस के प्रादेशिक शिल्पकार अपनी गदगद-मुद्रा से अगर जल्दी ही बाहर नहीं आए तो अप्रैल-मई में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी से होने वाले मल्ल-युद्ध में वे कहीं लड़खड़ा न जाएं! इसलिए कि विधानसभा चुनावों की जीत …
Read More »भाजपा सरकारों की वित्तीय अनियमितता बनेगी कांग्रेस का हथियार – अरुण पटेल
भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (कैग) के ताजा प्रतिवेदन में मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री डा.रमनसिंह के कार्यकाल के दौरान हजारों करोड़ रुपए की वित्तीय अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। उसको लेकर कांग्रेस सरकारें दोनों ही राज्यों में पूर्ववर्ती भाजपा सरकारों की तगड़ी घेराबंदी का कोई …
Read More »कमलनाथ, दिग्विजय, सिंधिया और सभा-पर्व- पंकज शर्मा
मैं इस हफ्ते भोपाल में था। भोपाल का ताल पंद्रह बरस बाद हिलोरें ले रही नई सियासी-तालों से ताल मिलाने के लिए पांव थिरका रहा है। जिन्हें लगता था कि अपने राजनीतिक जीवन के चार दशक रायसीना की पहाड़ियों पर तफ़रीह में गुज़ार देने वाले कमलनाथ भोपाल के टीलों पर …
Read More »अवधारणा बदलने में कितने कामयाब होंगे कमलनाथ?- अरुण पटेल
राजनीति में जनमानस के बीच बन रही अवधारणा (परसेप्शन) काफी मायने रखती है और यदि एक बार कुछ सवाल उठने लगें तो उनका समाधान जितनी जल्दी हो वह कमलनाथ के नेतृत्व में बनी कांग्रेस सरकार के लिए नितान्त आवश्यक है। यह इसलिए जरुरी है कि तीन माह के भीतर लोकसभा …
Read More »मध्यप्रदेश में सत्ता विकेन्द्रीकरण का केन्द्र बनते कमलनाथ – अरुण पटेल
पिछले कुछ दशकों से मध्यप्रदेश की राजनीति में सत्ता का वास्तविक केन्द्र मुख्यमंत्री सचिवालय हुआ करता था, लेकिन अब जबकि सत्ता की कमान कमलनाथ के हाथों आई है तो उन्होंने पुराने ढर्रे पर चली आ रही प्रशासनिक व्यवस्था और राजनैतिक शैली के बदलाव का वाहक बनने का बीड़ा उठा लिया …
Read More »मध्यभारत, मालवा-निमाड़ ने भाजपा व विंध्य ने कांग्रेस को किया निराश – अरुण पटेल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ हमेशा निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की राजनीति को कलाकारी की राजनीति कहते रहे हैं। उन्होंने अपनी राजनीतिक बिसात से शिवराज की इस राजनीतिक धारा को पीछे छोड़ते हुए डेढ़ दशक बाद कांग्रेस को वनवास से मुक्ति दिलाने के साथ ही सत्ता साकेत में विचरण का …
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